नैनीताल। हाई कोर्ट ने ऊधमसिंह नगर स्थित प्रसिद्ध प्राग फार्म की भूमि पर खड़ी फसल की कटाई और बिक्री करने की अनुमति दिए जाने को लेकर दायर एकलपीठ के आदेश को चुनौती देती विशेष अपील पर सुनवाई की।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ताओं को फसल काटने की अनुमति दे दी है। इस फैसले से प्राग फार्म से जुड़े किसानों और अन्य पक्षों को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सरकार से इस मामले में जवाब भी पेश करने को कहा है, जिससे मामले की आगे की सुनवाई में सरकार का पक्ष स्पष्ट हो सके।
एकलपीठ के आदेश को चुनौती
एकलपीठ के आदेश को ऊधमसिंह नगर की माधवी अग्रवाल और अन्य ने विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी। अपीलकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एकलपीठ ने एक आदेश जारी कर राज्य सरकार के हक में फैसला देते हुए कहा था कि प्राग फार्म की भूमि पर खड़ी फसल की कटाई व बिक्री सरकार करेगी और पैसे को एक अलग खाते में रखेगी। यह आदेश याचिकाकर्ताओं के लिए चिंता का विषय था, क्योंकि उन्हें लगता था कि इससे उन्हें भारी नुकसान होगा।
इस आदेश के विरुद्ध पीड़ितों की तरफ से अपील की गई थी। अपील में कहा गया कि सरकार ने जमीन पर कब्जा ले लिया है, लेकिन इस भूमि पर खड़ी फसल पर उनका हक है, क्योंकि फसल उन्हीं के द्वारा बोई गई थी। दूसरी ओर, सरकार की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि संबंधित प्रावधान राज्य सरकार के पक्ष में है। सरकार का तर्क था कि फसल की बिक्री व कटान राज्य सरकार की ओर से किया जाना चाहिए।
राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन ने फसल काट दी है, हालांकि अपीलकर्ता की ओर से इस दावे का खंडन करते हुए कहा गया कि अभी फसल खड़ी है। अपीलकर्ताओं ने जोर दिया कि बोई गई फसल अब पक चुकी है, इसलिए फसल कटाई व बिक्री करने का अधिकार उन्हें दिया जाए।
खंडपीठ के इस फैसले से याचिकाकर्ताओं को तत्काल राहत मिली है, क्योंकि अब वे अपनी फसल की कटाई और बिक्री कर सकेंगे। इस मामले पर अगली सुनवाई में सरकार के जवाब और कोर्ट के अंतिम निर्णय का इंतजार रहेगा। यह मामला भूमि विवादों और फसल के मालिकाना हक से जुड़े कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डालता है।