Punjab: बेटी की विदाई के बाद हुए हादसे में जान गंवाने वाले परिवार के लाखों के गहने और नकदी गायब – The Hill News

Punjab: बेटी की विदाई के बाद हुए हादसे में जान गंवाने वाले परिवार के लाखों के गहने और नकदी गायब

फतेहगढ़ साहिब/लुधियाना
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब और लुधियाना जिले के बीच हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने खुशियों वाले घर को मातम में बदल दिया। सरहिंद के रहने वाले नंदा परिवार के साथ सोमवार सुबह साहनेवाल में जो हादसा हुआ, उसने न केवल तीन जिंदगियां लील लीं, बल्कि अब इस मामले में एक और बेहद शर्मनाक पहलू सामने आया है। हादसे में जान गंवाने वाली महिलाओं के शवों से गहने और गाड़ी में रखा लाखों रुपये का कैश गायब मिला है। इस खुलासे के बाद पीड़ित परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, जो पहले ही अपने प्रियजनों को खोने के गम में डूबा हुआ था।

घटनाक्रम के अनुसार, बीते रविवार की रात को सरहिंद के मशहूर व्यापारी अशोक नंदा की बेटी गजल की शादी लुधियाना में धूमधाम से संपन्न हुई थी। हंसी-खुशी बेटी की डोली विदा करने के बाद सोमवार सुबह परिवार वापस अपने घर लौट रहा था। अशोक नंदा अपनी पत्नी किरण, चाची रेणू बाला और परिवार के दो अन्य सदस्यों मोहन नंदा व शर्मीली नंदा के साथ इनोवा कार में सवार थे। तभी साहनेवाल के पास जीटी रोड पर उनकी कार बेकाबू होकर आगे चल रहे एक ट्रक से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि अशोक नंदा, उनकी पत्नी किरण और चाची रेणू बाला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज लुधियाना के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

मंगलवार को सरहिंद में मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के बाद जब परिवार के सदस्यों को गहनों और नकदी का ध्यान आया, तो वे सन्न रह गए। किरण नंदा के भाई अंकुर ने बताया कि जब वे शव लेने के लिए मोर्चरी पहुंचे थे, तो उन्होंने देखा कि मृतकों के शरीर पर गहने नहीं थे। जांच करने पर पता चला कि किरण नंदा के गले से हार और कानों के झुमके गायब थे। इसी तरह, चाची रेणू बाला के गले का हार, हाथों के दो कंगन, झुमके और कलाई पर बंधी एप्पल वॉच भी नदारद थी।

परिवार के मुताबिक, कुल मिलाकर करीब 15 तोले सोना गायब है। इसके अलावा, कार में करीब तीन लाख रुपये नकद और शादी में मिले शगुन के लिफाफे भी रखे थे, जिनका कोई अता-पता नहीं है। लड़की के पिता ने शगुन के लिए जो लिफाफे बनाए थे, उनमें से बारात में बांटने के बाद बचे हुए लिफाफे एक थैले में कार में रखे गए थे। दुर्घटना के बाद परिवार को वह थैला तो मिला, लेकिन उसमें महज 8-10 हजार रुपये ही बचे थे। शक होने पर परिवार के सदस्यों ने साहनेवाल जाकर दुर्घटनाग्रस्त कार की भी तलाशी ली और पुलिस को सूचित किया।

दूसरी ओर, थाना साहनेवाल की पुलिस का कहना है कि शुरुआती दौर में चोरी की बात सामने नहीं आई थी। सब इंस्पेक्टर जसप्रीत सिंह और एसएचओ गुरमुख सिंह ने बताया कि जब परिवार ने हादसे की रिपोर्ट लिखवाई थी, तब गहने या नकदी गायब होने का कोई जिक्र नहीं किया गया था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दुर्घटना के बाद परिवार और रिश्तेदार ही घायलों और मृतकों को अस्पताल ले गए थे। जब शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया, तब उन पर ज्वेलरी नहीं थी। पुलिस का कहना है कि अभी तक नकदी और जेवरात चोरी की कोई औपचारिक लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। यदि परिवार की तरफ से शिकायत आती है, तो पुलिस उचित कार्रवाई करेगी।

 

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