मजीठा (अमृतसर): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को अमृतसर जिले में हुई ज़हरीली शराब त्रासदी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों।
मीडिया से बात करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मौतें दुर्घटना नहीं, बल्कि कुछ लालची लोगों द्वारा किया गया हत्याकांड है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी। इस त्रासदी में 17 लोगों की जान गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह का अपराध शक्तिशाली राजनेताओं के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। पुलिस इस पहलू की भी जाँच कर रही है। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस इस नेटवर्क के सभी संबंधों का पता लगा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले के तार दिल्ली तक जुड़े हैं और सभी दोषियों को कानून के कटघरे में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस त्रासदी के पीछे 600 लीटर ऑनलाइन मीथेनॉल का ऑर्डर दिया गया था, जिसका इस्तेमाल ज़हरीली शराब बनाने में किया गया होगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले में एक DSP, एक थाना प्रभारी और आबकारी विभाग के दो अधिकारियों सहित चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के राज में इस शराब माफिया को खुला संरक्षण मिलता रहा है, लेकिन उनकी सरकार इसे जड़ से खत्म कर देगी।
मुख्यमंत्री ने पुलिस को “युद्ध नशेयां विरुद्ध” अभियान के तहत इस माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच पुलिस का ध्यान कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर था और इन शरारती तत्वों ने इसका फायदा उठाकर पंजाबियों की जान के बदले अपनी लालच को पूरा किया।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की राशि और बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को नौकरी और अन्य संभव मदद भी दी जाएगी।
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