चंडीगढ़: पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल समेत कई कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नंगल डैम पर चल रहे धरने में शामिल हुए। यह धरना भाजपा शासित केंद्र और राज्य सरकारों तथा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) द्वारा पंजाब के पानी को दूसरे राज्यों को दिए जाने के विरोध में आयोजित किया गया है।
जल संसाधन मंत्री गोयल ने कहा कि हरियाणा को 21 मई से पहले कोई अतिरिक्त पानी नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पंजाब पहले से ही हरियाणा को उसके निर्धारित हिस्से से 4000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी मानवीय आधार पर दे रहा है। बार-बार चेतावनी के बावजूद, हरियाणा ने इस अतिरिक्त पानी का जुडिशियस उपयोग नहीं किया। गोयल ने कहा कि राजस्थान में तैनात सुरक्षा बलों के लिए पानी की मांग को स्वीकार करके, पंजाब सरकार ने पंजाबी संस्कृति और पंजाबियत के मूल्यों और उदारता का प्रदर्शन किया है।
बिजली और लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ETO ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के खेतों तक नहरी पानी पहुँचाने के लिए 4500 करोड़ रुपये की योजना पर काम कर रही है। इससे किसानों को ट्यूबवेल पर निर्भरता से मुक्ति मिलेगी और राज्य के बिजली खर्च में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब का पानी दूसरे राज्यों को जा रहा है और राज्य के किसानों को 15 लाख से ज़्यादा ट्यूबवेल के ज़रिए भूमिगत जल निकालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे ज़्यादातर ब्लॉक डार्क ज़ोन में चले गए हैं और भूमि की उर्वरता भी प्रभावित हो रही है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में नंगल डैम और कीरतपुर साहिब के लोहंद खड्ड फाटकों पर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब पहले ही हरियाणा को उसका हिस्सा से ज़्यादा पानी दे चुका है और किसी भी स्थिति में अपना हिस्सा नहीं छोड़ेगा।
कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पंजाब देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है, इसके बावजूद उसे भूजल निकासी की लागत खुद उठानी पड़ती है। उन्होंने फसल विविधीकरण और बागवानी अपनाने वाले किसानों की सराहना की और नहरी पानी के महत्व पर ज़ोर दिया।
मंत्रियों ने स्वयंसेवकों द्वारा पंजाब के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए दिखाए गए समर्पण की प्रशंसा की और कहा कि दिन-रात चलने वाला यह धरना जारी रहेगा।