देहरादून: उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले 24 घंटों में राज्य में जंगल में आग लगने की 12 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें कुमाऊं और गढ़वाल, दोनों मंडलों में छह-छह घटनाएं शामिल हैं। इन घटनाओं में 30 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।
15 फरवरी से शुरू हुए फायर सीजन से 18 अप्रैल तक राज्य में वनाग्नि की 70 घटनाएं हुई थीं, जो 27 अप्रैल तक बढ़कर 112 हो गईं। इनमें गढ़वाल मंडल में 62, कुमाऊं मंडल में 43 और वन्यजीव क्षेत्र में 10 घटनाएं शामिल हैं। कुल मिलाकर, इन आगजनी की घटनाओं में 136 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
इस वर्ष अब तक वन पंचायत और आरक्षित वन क्षेत्रों में लगभग बराबर नुकसान हुआ है। वन पंचायत के जंगलों में 68.5 हेक्टेयर और आरक्षित वनों में 67.62 हेक्टेयर क्षेत्र आग से प्रभावित हुआ है।
अपर प्रमुख वन संरक्षक (वनाग्नि नियंत्रण एवं आपदा प्रबंधन) निशांत वर्मा ने बताया कि पिछले दो दिनों में वनाग्नि की घटनाओं में वृद्धि हुई है और वन विभाग की टीमें आग बुझाने के अभियान में जुटी हैं।
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