Uttarakhand: देहरादून में सड़क खोदने पर ऊर्जा निगम, जल संस्थान और गेल पर तीन महीने की रोक

देहरादून: विकास कार्यों के नाम पर मनमाने तरीके से सड़क खोदाई करने के मामले में देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने सख्त रुख अपनाते हुए ऊर्जा निगम, जल संस्थान और गेल पर तीन महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इन एजेंसियों को अब अगले तीन महीनों तक सड़क खोदने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले, जिलाधिकारी ने इन एजेंसियों के संबंधित ठेकेदारों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

कैनाल रोड पर जल संस्थान, माता मंदिर रोड पर ऊर्जा निगम और गेल द्वारा सड़क खोदाई के बाद उन्हें ठीक से नहीं भरा गया था, जिससे नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। सड़क की खराब हालत को देखते हुए जिलाधिकारी ने यह कड़ा कदम उठाया है।

जिलाधिकारी के इस फैसले से सड़क खोदाई करने वाली अन्य एजेंसियों को भी चेतावनी मिलेगी। देहरादून में अक्सर विभिन्न कार्यों के लिए सड़कें खोदी जाती हैं, लेकिन एजेंसियां मरम्मत करने में लापरवाही बरतती हैं। प्रशासन के इस सख्त रुख से नागरिकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाली प्रवृत्ति पर रोक लगने की उम्मीद है।

सड़क खोदाई की अनुमति देते समय एजेंसियों को सड़क की मरम्मत और समतलीकरण करने की शर्त माननी होती है, ताकि दुर्घटनाओं का खतरा कम हो। इसके बावजूद एजेंसियों द्वारा लापरवाही बरतने पर यह कार्रवाई की गई है।

जिलाधिकारी के आदेश का दीर्घकालिक प्रभाव:

जिलाधिकारी सविन बंसल का यह कदम केवल तीन एजेंसियों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर शहर में काम करने वाली सभी एजेंसियों पर पड़ेगा। यह आदेश भविष्य में सड़क खोदाई से पहले एजेंसियों को सोचने पर मजबूर करेगा और वे मरम्मत कार्य को गंभीरता से लेंगे। इससे शहर की सड़कों की हालत में सुधार होगा और नागरिकों को राहत मिलेगी।

नागरिकों की सुरक्षा सबसे पहले:

जिलाधिकारी का यह कदम दिखाता है कि प्रशासन नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है। सड़क खोदाई के बाद मरम्मत न करने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, जिससे नागरिकों के जीवन को खतरा हो सकता है। प्रशासन ने इस समस्या को समझते हुए सख्त कार्रवाई की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

सड़कों के रखरखाव की आवश्यकता:

देहरादून शहर में सड़कों का रखरखाव एक बड़ी समस्या है। बार-बार सड़क खोदाई और मरम्मत न होने से सड़कें टूट-फूट जाती हैं, जिससे नागरिकों को परेशानी होती है। इस समस्या के निवारण के लिए जरूरी है कि सभी एजेंसियां अपनी जिम्मेदारी समझें और सड़क खोदाई के बाद उसे ठीक से मरम्मत करें। साथ ही, प्रशासन को भी इस मामले में नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए और लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

 

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