लखनऊ, 18 अप्रैल 2025: दुनियाभर में देशों के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की कोशिशों के कारण डिफेंस सेक्टर में तेजी से वृद्धि हुई है। रक्षा क्षेत्र के उद्यमी उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर को विश्व के प्रमुख निर्यातक बाजार के रूप में देख रहे हैं। अनुमान है कि अगले चार साल में सिर्फ उत्तर प्रदेश से ही 25 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों का निर्यात होगा।
ड्रोन से लेकर तोपें तक का निर्माण
उत्तर प्रदेश में ड्रोन, जहाज, तोपें और गोला-बारूद सहित कई रक्षा उत्पाद बनाए जा रहे हैं। वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिका की टैरिफ नीति के कारण देशों में आत्मनिर्भरता की होड़ मची है, जिससे रक्षा क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हो रही है।
यूपी को मिलेगा फायदा
वैश्विक उथल-पुथल के बीच यूरोपीय देशों में हथियारों की खरीद बढ़ रही है। ऐसे में तेजी से विकसित हो रहे यूपी के डिफेंस कॉरिडोर को इसका फायदा मिल सकता है।
एक्सप्रेसवे के किनारे रक्षा इकाइयों को जमीन
एमकेयू के चेयरमैन मनोज गुप्ता के अनुसार, डिफेंस कॉरिडोर के साथ एक्सप्रेसवे के किनारे रक्षा इकाइयों को जमीन देने से राज्य में रक्षा उत्पादों के निर्माण में अगले एक साल में 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी। अदाणी, ब्रह्मोस, भारत डायनामिक समेत 50 से ज्यादा कंपनियों ने यूपी में निवेश किया है और कुछ में उत्पादन शुरू हो गया है। अमेरिका की टैरिफ नीति के कारण वहां के उत्पाद महंगे होंगे, जबकि भारत में सस्ते उत्पाद उपलब्ध होंगे।
सरकारी नीतियों से मिल रहा बढ़ावा
रक्षा उद्यमी अविनाश सिंह का मानना है कि सरकारी नीतियों के कारण इस क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। इसी कारण अगले चार साल में यूपी से 25 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों के निर्यात का अनुमान है।