कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ भड़की हिंसा का असर अब भी जारी है। सड़कों पर जले हुए वाहन, लूटे गए शॉपिंग मॉल और तोड़फोड़ की गईं दुकानें बर्बादी का मंजर पेश कर रही हैं। रविवार को मुर्शिदाबाद की सड़कें सूनी रहीं, दुकानें बंद रहीं और लोग अपने घरों में दुबके रहे। हिंसा और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध को मुर्शिदाबाद के अतिरिक्त क्षेत्रों सहित पड़ोसी जिलों मालदा और बीरभूम तक बढ़ा दिया है।
कहाँ-कहाँ लगा इंटरनेट बैन?
पहले इंटरनेट सेवाओं का निलंबन मुख्य रूप से सुती, जंगीपुर, धुलियान और समसेरगंज जैसे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लागू किया गया था। अब इसका दायरा बढ़ाकर मालदा और बीरभूम जिलों को भी शामिल कर लिया गया है। मुर्शिदाबाद के भी कुछ अतिरिक्त क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यह प्रतिबंध 15 अप्रैल की रात 10 बजे तक लागू रहेगा। आगे इसे बढ़ाया जाएगा या नहीं, यह उस समय की स्थिति पर निर्भर करेगा।
स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सोशल मीडिया पर निगरानी जारी
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) द्वारा संयुक्त गश्त शुरू करने के बाद मुर्शिदाबाद में स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में है। हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मुख्य चिंता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए फैल रही अफवाहें और भड़काऊ सामग्री है।
BSF अलर्ट पर, सीमा सुरक्षा कड़ी
सीमा सुरक्षा बल (BSF) को मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में बांग्लादेश के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। BSF के अतिरिक्त महानिदेशक (पूर्वी कमान) रवि गांधी ने क्षेत्र का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय पर चर्चा की। BSF को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उग्रवादी तत्व भारतीय सीमा में घुसपैठ न कर सकें और मौजूदा तनाव को और न बढ़ा सकें।