वाराणसी, 11 अप्रैल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का 50वां दौरा किया। इस दौरान उन्होंने 44 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया और एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत भोजपुरी में की और काशीवासियों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, “काशी के हमरे परिवार के लोगन के हमार प्रणाम। आप सब लोग यहां हमें आपन आशीर्वाद देला। हम ए प्रेम क कर्जदार हईं। काशी हमार हौ, हम काशी क हईं”।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला:
1. बुजुर्गों के मुफ्त इलाज की गारंटी: उन्होंने आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए कहा कि बुजुर्गों का मुफ्त इलाज उनकी गारंटी है। यह योजना सिर्फ इलाज के लिए नहीं, बल्कि उनके सम्मान के लिए भी है। अब बुजुर्गों को इलाज के लिए जमीन बेचने या कर्ज लेने की जरूरत नहीं है। आयुष्मान कार्ड से उनका इलाज मुफ्त होगा।
2. विकास परियोजनाओं का उल्लेख: प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले कुछ महीनों में जब सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, तो वाराणसी की रफ्तार और कारोबार दोनों में तेजी आएगी। इन परियोजनाओं से पूर्वांचल के नौजवानों को भी लाभ मिलेगा।
3. विकास और विरासत का संगम: उन्होंने कहा कि देश विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चल रहा है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण काशी है। यहां गंगा का प्रवाह और भारत की चेतना का प्रवाह दोनों एक साथ हैं। काशी की आत्मा इसकी विविधता में बसती है।
4. जीआई टैगिंग का महत्व: प्रधानमंत्री ने जीआई टैगिंग की खासियत बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक टैग नहीं, बल्कि उत्पाद की पैदाइश की पुष्टि करता है। जीआई टैग मिलने से उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिलती है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश जीआई टैगिंग में देश में नंबर एक है और वाराणसी व आसपास के जिलों के 21 से ज्यादा उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है, जिनमें बनारसी तबला, शहनाई, ठंडई, लाल पेड़ा, तिरंगा बर्फी और दीवार पेंटिंग शामिल हैं।
5. लखपति दीदी का उल्लेख: प्रधानमंत्री ने ‘लखपति दीदी’ का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां पहले गुजारे की चिंता थी, आज कदम खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं। यह तरक्की बनारस, उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश में दिख रही है। उन्होंने बताया कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और पिछले दस सालों में इसमें 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
6. डेरी सेक्टर को मजबूत बनाने पर जोर: उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में सरकार डेरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ा रही है। पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड, लोन, सब्सिडी और मुफ्त वैक्सीन जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। दुग्ध संग्रहण के लिए 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों को पुनर्जीवित किया गया है।
7. विपक्ष पर निशाना: प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग सत्ता पाने के लिए खेल खेलते रहते हैं उनका लक्ष्य परिवार का विकास होता है, जबकि उनका लक्ष्य ‘सबका साथ, सबका विकास’ है। उन्होंने कहा कि बोनस का वितरण लोगों की तपस्या, पसीने और परिश्रम का परिणाम है।
8. हनुमान जयंती की बधाई: प्रधानमंत्री ने हनुमान जयंती की बधाई देते हुए कहा कि काशी ने विरासत को संजोया है और भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। काशी अब सिर्फ पुरातन नहीं, बल्कि प्रगतिशील भी है और पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है।
9. जीआई प्रमाण पत्र वितरण: प्रधानमंत्री ने अनिल कुमार को बनारस मेटल कास्टिंग क्राफ्ट का जीआई प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस वर्ष उत्तर प्रदेश के 21 उत्पादों को जीआई टैग मिला है, जिनमें से तीन का प्रमाण पत्र प्रधानमंत्री ने संबंधित उत्पादकों को दिया।
प्रधानमंत्री के इस दौरे को वाराणसी के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनकी घोषणाओं और परियोजनाओं से क्षेत्र के लोगों में उत्साह है।
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