नई दिल्ली। बांग्लादेश में जारी अस्थिरता के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर एक पत्र लिखा है। इस पत्र में पीएम मोदी ने 1971 के मुक्ति संग्राम को भारत-बांग्लादेश संबंधों की नींव बताया और दोनों देशों के साझा इतिहास और बलिदानों को याद किया।
पीएम मोदी ने पत्र में लिखा, “यह दिन हमारे साझा इतिहास और बलिदानों का प्रमाण है, जिसने हमारी द्विपक्षीय साझेदारी की नींव रखी है। बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की भावना हमारे संबंधों के लिए मार्गदर्शक बनी हुई है, जो कई क्षेत्रों में फली-फूली है और हमारे लोगों को ठोस लाभ पहुंचा रही है।”
उन्होंने आगे लिखा कि भारत शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए साझा आकांक्षाओं और एक-दूसरे के हितों और चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बिम्सटेक सम्मेलन में मुलाकात की संभावना
दोनों नेता 3-4 अप्रैल को बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। बांग्लादेश ने द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध किया है, लेकिन भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
तनावपूर्ण संबंधों के बीच भारत की चिंता
शेख हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग सरकार के बाद बनी अंतरिम सरकार का नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव देखा जा रहा है। अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरों के बीच, भारत ने बांग्लादेश के साथ अपनी चिंताएं साझा की हैं। बांग्लादेश का कहना है कि ये हमले सांप्रदायिक नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित हैं।
यूनुस की पीएम मोदी से मिलने की इच्छा
मोहम्मद यूनुस ने बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की इच्छा जताई है, लेकिन भारत ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। यूनुस चीन जाने से पहले भारत आना चाहते थे, लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
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