नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तीन-भाषा नीति और परिसीमन पर की गई टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है। स्टालिन ने सोशल मीडिया पर योगी के बयानों को “राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी” करार दिया और कहा कि तमिलनाडु की “दो-भाषा नीति” और “निष्पक्ष परिसीमन” की मांग पूरे देश में गूंज रही है, जिससे भाजपा घबरा गई है।
स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु किसी विशेष भाषा का नहीं, बल्कि “भाषा थोपने” और “अंधराष्ट्रवाद” का विरोध कर रहा है। उन्होंने इस मुद्दे को “गरिमा और न्याय” की लड़ाई बताया। उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा, “क्या वो हमें नफ़रत पर लेक्चर देना चाहते हैं? हमें बख्श दें।”
योगी ने क्या कहा था?

एक साक्षात्कार में, योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया था कि स्टालिन क्षेत्र और भाषा के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका वोट बैंक खतरे में है। उन्होंने कहा कि भाषा लोगों को जोड़ती है, न कि तोड़ती है। उन्होंने तमिल को भारत की सबसे पुरानी और समृद्ध भाषाओं में से एक बताया और कहा कि कोई भी भाषा विभाजनकारी नहीं होती। उन्होंने एकता और समावेशिता पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रगान का उदाहरण देते हुए कहा कि लोगों को विभाजनकारी राजनीति से सावधान रहना चाहिए और देश की एकता के लिए दृढ़ रहना चाहिए।
परिसीमन पर गतिरोध
तीन-भाषा नीति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच गतिरोध है। योगी ने परिसीमन को लेकर स्टालिन की चिंताओं को खारिज करते हुए इसे उनका “राजनीतिक एजेंडा” बताया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के बयान के बाद इस मुद्दे पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए.
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