
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाया गया है। दोनों देशों ने अपनी विशेष एवं करीबी द्विपक्षीय साझेदारी को “उन्नत रणनीतिक साझेदारी” का दर्जा दिया है। इस यात्रा के दौरान जारी ‘उन्नत रणनीतिक साझेदारी के लिए भारत-मॉरीशस का संयुक्त दृष्टिकोण’ दस्तावेज इस मजबूत रिश्ते को रेखांकित करता है।
प्रमुख बिंदु:
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व्यापक बातचीत: दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक बातचीत की और बुनियादी ढांचा, आवास, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
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समुद्री सुरक्षा पर ज़ोर: दोनों देशों ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा सहयोग को द्विपक्षीय संबंधों का महत्वपूर्ण स्तंभ माना। हिंद महासागर क्षेत्र में मुक्त, खुला और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों ने अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई और समुद्री चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
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मॉरीशस के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा: मॉरीशस ने अपने EEZ की सुरक्षा में भारत की सहायता, जिसमें रक्षा उपकरण, जहाजों और विमानों की तैनाती, संयुक्त निगरानी, और प्रशिक्षण शामिल हैं, की सराहना की। भारत ने तटरक्षक जहाजों की मरम्मत के लिए अनुदान की सहायता भी प्रदान की है।
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भारत का समर्थन: प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस को एक विशेष समुद्री साझीदार बताया और उसकी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
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समुद्री सहयोग: दोनों देशों ने संयुक्त समुद्री निगरानी, हाइड्रोग्राफी सर्वेक्षण, और EEZ सुरक्षा के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। इसमें अगालेगा में नए रनवे और जेटी का उपयोग और राष्ट्रीय समुद्री सूचना साझाकरण केंद्र की स्थापना शामिल है।
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चागोस द्वीप समूह: प्रधानमंत्री मोदी ने चागोस द्वीप समूह के मुद्दे पर मॉरीशस के प्रति भारत का दृढ़ समर्थन दोहराया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
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आगे का रास्ता: प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री को भारत की यात्रा का निमंत्रण दिया, जिससे भविष्य में दोनों देशों के बीच और घनिष्ठ सहयोग की उम्मीद है।
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