शिमला, [दिनांक] – हिमाचल प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) में बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसके तहत आयकरदाताओं और साधन संपन्न लोगों के लिए शुल्क बढ़ाया जा सकता है। योजना की वैधता तीन साल से घटाकर एक साल की जा सकती है और कार्ड बनाने के लिए साल के पहले तीन महीने की समय सीमा तय की जा सकती है।
मंत्रिमंडल उपसमिति की सिफारिशें:
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल उपसमिति ने आयुष्मान, हिमकेयर और सहारा योजनाओं की समीक्षा के बाद हिमकेयर योजना में बदलाव की सिफारिश की है।
हिमकेयर योजना का इतिहास:
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2019 में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों, विधवाओं, अनाथों और अन्य कमजोर वर्गों के लिए शुरू की गई।
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1,000 रुपये के प्रीमियम की वैधता एक साल थी और कार्ड 1 जनवरी से 31 मार्च तक बनाए जा सकते थे।
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अप्रैल 2022 में जयराम सरकार ने वैधता तीन साल कर दी और सामान्य वर्ग को भी शामिल किया।
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कई कर्मचारियों और व्यवसायियों ने भी कार्ड बनवा लिए।
बदलाव का कारण:
मंत्रिमंडलीय उपसमिति का मानना है कि जो लोग टैक्स देते हैं, उनके लिए प्रीमियम राशि बढ़ाई जानी चाहिए। वैधता अवधि एक साल करने से योजना का संचालन आसान होगा।
योजना की देनदारियां:
हिमकेयर योजना पर सरकार की लगभग 350 करोड़ रुपये और आयुष्मान योजना पर 100 करोड़ रुपये की देनदारी है। आयुष्मान योजना में लगभग 5 लाख परिवारों के कार्ड बने हैं और केंद्र सरकार राज्य को प्रति परिवार 1,000 रुपये के हिसाब से लगभग 48 करोड़ रुपये सालाना देती है।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान:
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि हिमकेयर योजना में बदलाव का मामला सरकार के विचाराधीन है और सरकार सुनिश्चित करेगी कि योजना का लाभ जरूरतमंदों को मिले।
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