शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1 अप्रैल से वाहनों के लिए टोल टैक्स महंगा हो जाएगा। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टोल बैरियर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। चार सीटों वाली निजी गाड़ियों और व्यावसायिक वाहनों के लिए 10 रुपये और बड़े व्यावसायिक एवं मालवाहक वाहनों के लिए 20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। नए दरें राज्य के सभी 55 टोल बैरियर पर लागू होंगी।
राज्य के आबकारी एवं कराधान विभाग ने विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के लिए प्रवेश शुल्क में वृद्धि की है। नए नियमों के अनुसार:
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निजी गाड़ियाँ (4 सीटर): 60 रुपये से बढ़कर 70 रुपये
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भारी मालवाहक गाड़ियाँ (HGVs): 550 रुपये से बढ़कर 570 रुपये
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यात्री गाड़ियाँ (6-12 सीटर): 90 रुपये से बढ़कर 110 रुपये
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यात्री गाड़ियाँ (12+ सीटर): 160 रुपये से बढ़कर 180 रुपये
हिमाचल के वाहनों को भी नहीं मिलेगी छूट:
राज्य में पंजीकृत मालवाहक वाहनों को भी इस बढ़ोतरी से छूट नहीं मिलेगी। त्रैमासिक और वार्षिक पास नए शुल्कों के आधार पर जारी किए जाएँगे। भारी मालवाहक वाहनों के लिए नए दरें इस प्रकार हैं:
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120-250+ क्विंटल: 570 रुपये
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90-120 क्विंटल: 300 रुपये से बढ़कर 320 रुपये
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20-90 क्विंटल: 150 रुपये से बढ़कर 170 रुपये
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20 क्विंटल से कम: 110 रुपये से बढ़कर 130 रुपये
ट्रैक्टरों के लिए बढ़ा शुल्क:
निजी और सार्वजनिक ट्रैक्टरों के लिए शुल्क 50 रुपये से बढ़कर 70 रुपये हो गया है। यह नियम सभी वाहनों पर लागू होगा, चाहे वे हिमाचल के हों या बाहर से आ रहे हों।
मनाली पहुँचने के पाँच मुख्य प्रवेश द्वार:
हिमाचल प्रदेश में कम से कम 55 प्रवेश बैरियर हैं, जहाँ दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों को प्रवेश शुल्क देना होता है। इनमें से 15 ऊना, 13 सोलन, 8 सिरमौर और शेष अन्य जिलों में हैं। शिमला और कुल्लू ज़िले के मनाली पहुँचने के लिए पाँच मुख्य प्रवेश द्वार हैं, जिनमें कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-5) पर स्थित परवाणू बैरियर शिमला जाने का सबसे प्रमुख रास्ता है।
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