रामनगर: रोजाना की तरह वनकर्मी कोसी रेंज के जंगल में गश्त पर थे। एक वन दरोगा, वन रक्षक और दो वाचरों की टीम चौकसी बरतते हुए आगे बढ़ रही थी। तभी लगभग 50 मीटर दूर झाड़ी से अचानक चार बाघ खुले में आ गए। यह देख वनकर्मी घबरा गए और बिना शोर किए चुपचाप कदम पीछे खींच लिए।
चारों बाघ वनकर्मियों की मौजूदगी के बाद भी उन्हें नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ते रहे। बिना समय गंवाए चारों वनकर्मी अपनी जान बचाने के लिए एक पेड़ पर चढ़ गए। यह घटना शुक्रवार को रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंज के बेला बीट की है। चारों बाघ वनकर्मियों के नजदीक आकर खड़े हो गए। बाघ आपस में मौज मस्ती और लड़ने के अंदाज में दिखे। पेड़ से ही वनकर्मियों ने अपने मोबाइल से बाघों के इस उछल-कूद का वीडियो भी बना लिया।
काफी देर बाद जब बाघ वहां से चले गए, तो वनकर्मी चुपचाप पेड़ से उतरकर वापस दूसरी ओर निकल गए। हालांकि वनकर्मियों के लिए यह कोई पहली घटना नहीं है, लेकिन एक साथ एक ही क्षेत्र में चार बाघ दिखने से वनाधिकारी भी उत्साहित हैं।
एक ही परिवार के चारों बाघ
रामनगर वन प्रभाग के एसडीओ अंकित बडोला ने बताया कि चारों बाघ एक ही परिवार के हैं। इनमें एक बाघिन और उसके तीन बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि जंगल में बाघों की संख्या बढ़ रही है।
कोसी रेंज के रेंजर शेखर चंद्र तिवाड़ी ने बताया कि क्षेत्र में लगातार बाघों की निगरानी की जा रही है। चूंकि वह क्षेत्र टेड़ा गांव की आबादी से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर है, इसलिए लगातार क्षेत्र में गश्त की जा रही है। बाघों से सुरक्षा के लिए ग्रामीणों को जागरूक भी किया जा रहा है और विशेष सावधानी बरती जा रही है। यह घटना दर्शाती है कि वन्यजीवों और मानव के बीच सह-अस्तित्व के लिए सतर्कता और जागरूकता कितनी महत्वपूर्ण है।