लंदन: ब्रिटेन के ओल्डबरी शहर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 20 वर्षीय सिख महिला का दो अज्ञात व्यक्तियों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया। बलात्कार के दौरान आरोपियों ने महिला पर नस्लीय टिप्पणी भी की और उसे अपने देश वापस जाने की धमकी देकर फरार हो गए। यह घटना मंगलवार की सुबह लगभग 8:30 बजे ओल्डबरी के टेम रोड पर हुई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और मामले की फोरेंसिक जांच भी जारी है।
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
पीड़िता ने पुलिस को अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि दोनों आरोपी अंग्रेज थे। उनमें से एक आरोपी के सिर में बाल नहीं थे और उसने गाढ़े रंग की स्वेटशर्ट पहनी थी। दूसरे आरोपी ने ग्रे रंग की शर्ट पहनी हुई थी। पुलिस ने इन हुलिये के आधार पर आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।
सिख समुदाय में गुस्सा और सुरक्षा में बढ़ोतरी
इस जघन्य अपराध के बाद स्थानीय सिख समुदाय में गहरा गुस्सा और रोष व्याप्त है। पुलिस ने समुदाय की भावनाओं को समझते हुए कहा है कि लोगों का गुस्सा पूरी तरह से जायज है। इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है, ताकि ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके और लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा हो।
ब्रिटिश सांसद प्रीत कौर गिल ने की कड़ी निंदा
ब्रिटिश सांसद प्रीत कौर गिल ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे एक जघन्य अपराध बताया है और इस बात पर जोर दिया है कि यह नस्लीय भेदभाव का भी मामला है, जिसमें पीड़िता से कहा गया कि वह इस देश से ताल्लुक नहीं रखती है। प्रीत कौर ने कहा, “सिख समुदाय समेत सभी समुदायों को सुरक्षित महसूस करने का पूरा अधिकार है। ओल्डबरी जैसी घटना की पूरे ब्रिटेन में कहीं जगह नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने समाज में इस तरह के नस्लीय घृणा अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।
पहले भी हुए हैं नस्लीय हमले
यह पहली बार नहीं है जब ब्रिटेन में सिख समुदाय के प्रति नफरत या नस्लीय हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। लगभग एक महीने पहले, वॉल्वरहैम्प्टन रेलवे स्टेशन के बाहर तीन युवकों ने सिख समुदाय के दो लोगों के साथ बीच सड़क पर मारपीट की थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था, जिसने लोगों में भारी नाराजगी पैदा की थी। मारपीट के दौरान एक सिख व्यक्ति की पगड़ी भी उतार दी गई थी, जिसे सिख धर्म में अत्यधिक अपमानजनक माना जाता है। ये घटनाएं ब्रिटेन में नस्लीय घृणा अपराधों की बढ़ती चिंता को दर्शाती हैं और विभिन्न समुदायों के बीच सहिष्णुता और सम्मान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं। पुलिस और सरकार पर इन अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ रहा है।
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