चंबा। हिमाचल प्रदेश के चंबा उपमंडल में एक ऐसा कैदी पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है, जिसने पहले जेल से फरार होकर, फिर एक लड़की के दादा को गोली मारकर और अब पीड़ित परिवार को लगातार धमकी भरे पत्र भेजकर पुलिस प्रशासन को चुनौती दी है। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि कैदी इब्राहिम की हकीकत है, जो पुलिस को चिढ़ा रहा है और पीड़ित परिवार को दहशत में डाल रहा है। पुलिस पिछले साढ़े तीन महीने से उसकी तलाश कर रही है, लेकिन वह अभी भी फरार है।
धमकी भरा पत्र और परिवार में दहशत
गुरुवार (11 सितंबर 2025) को अहमद पुत्र नवाबदीन, निवासी गडरी बरौर, अपने बच्चों सहित एसपी कार्यालय पहुंचे और कैदी इब्राहिम द्वारा भेजे गए ताजा धमकी भरे पत्र की शिकायत दी। अहमद ने बताया कि सुबह उनकी पत्नी पशुशाला में गईं, जहां उन्हें यह पत्र मिला, जिसमें पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई थी। अहमद ने कहा कि इससे पहले भी उनके घर की दीवार पर धमकियां लिखी गई थीं। लगातार मिल रही चेतावनियों से उनका परिवार भयभीत है। बच्चे स्कूल जाने से कतरा रहे हैं और घर के सदस्य हर समय दहशत के साये में हैं। अहमद ने पुलिस से फरार कैदी को तुरंत गिरफ्तार करने और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की है, क्योंकि उन्हें संदेह है कि वे भी इस पूरे खेल में शामिल हैं।
इब्राहिम का आपराधिक रिकॉर्ड और फरारी
इब्राहिम 27 मई 2025 को चंबा जेल से फरार हुआ था। फरार होने के बाद उसने 24 जून को अहमद के पिता पर गोली चलाई थी, जिसमें उनकी जान बाल-बाल बची थी। इसके बाद से आरोपित लगातार धमकी देकर परिवार को निशाना बना रहा है। ताजा धमकी भरे पत्र में उसने साफ लिखा है कि वह अहमद और उसके परिवार को मौत के घाट उतार देगा।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पुलिस फरार कैदी का सुराग क्यों नहीं लगा पाई, यह एक बड़ा सवाल है। जेल से भागने के तुरंत बाद पुलिस ने दावा किया था कि आरोपित को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। उल्टा आरोपित खुलेआम पत्र भेज रहा है और परिवार को दहशत में डाल रहा है।
धमकी भरे पत्र का मजमून
इब्राहिम ने अपने धमकी भरे पत्र में लिखा है: “तुम्हें मालूम है कि मैंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी है। यह मत सोचना कि सीसीटीवी या पुलिस की वजह से मैं नहीं आ रहा हूं, बल्कि तैयारी कर रहा हूं मुलाकात के लिए। मैं अपनी पत्नी और बच्चे के लिए आखिरी दम तक लड़ूंगा। मेहरदीन, अहमद, हसनदीन, रसीला, शामु, दीलदारो यह सब इसलिए बता रहा हूं तुम बाद में न कह सको कि बिन बताया आया, तैयारी रखना मैं मरने के लिए तैयार हूं। रसीला की जमीन मैंने खरीद ली है, उसके अंदर जो कुछ है, सब मेरा है, अगर किसी ने हाथ लगाया तो ब्याज समेत वसूल करूंगा। मेरी कमजोरी क्या है, यह तुम ख्वाब में भी नहीं सोच सकते और मैं तुम्हारी हर कमजोरी को जानना चाहता हूं। मैं अपनी बीबी और बच्चे के लिए लड़ रहा हूं।”
पुलिस का आश्वासन और पीड़ित परिवार की मांग
चंबा के एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि फरार कैदी द्वारा भेजे गए धमकी भरे पत्र को पुलिस ने गंभीरता से लिया है। इसकी जांच की जा रही है और हर एंगल से पड़ताल की जा रही है। पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस दल तैनात है और हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि फरार कैदी को पकड़ना हमारी प्राथमिकता है और उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। हालांकि, अहमद का कहना है कि सुरक्षा से ज्यादा जरूरी आरोपित की गिरफ्तारी है। जब तक वह जेल की सलाखों के पीछे नहीं पहुंचता, उनका परिवार चैन से नहीं रह सकता। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और पूरा परिवार मानसिक तनाव में है।
मामले की जड़
आरोपित इब्राहिम कुछ महीने पहले अपनी भतीजी को भगा ले गया था और उसके साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया था और मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने लड़की को उसके परिजनों के हवाले कर दिया था और आरोपित को कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। इस सारे घटनाक्रम के बीच पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया। अब आरोपित इब्राहिम अपनी पत्नी और बच्चे को पाने के लिए यह सारा खेल खेल रहा है।