
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष से सकारात्मक भूमिका निभाने की अपेक्षा जताई है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि विपक्ष हार की हताशा में सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं करेगा और रचनात्मक योगदान देगा।
मुख्यमंत्री का बयान:
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण और बजट महत्वपूर्ण विषय हैं, जिन पर सदन के सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए हर मुद्दे पर तथ्यात्मक जवाब देगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मर्यादित आचरण करेगा और लोकतांत्रिक मूल्यों में जनता का विश्वास बढ़ाने में योगदान देगा.
लंबे समय तक चलेगा सत्र:
मुख्यमंत्री ने बताया कि 20 फ़रवरी को बजट पेश किया जाएगा और सत्र 18 फ़रवरी से 5 मार्च तक चलेगा. उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय तक सदन का चलना दुर्लभ है और इसे सुचारू रूप से चलाना सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हताश विपक्ष अक्सर चर्चा से भागने की कोशिश करता है. अगर विपक्ष सार्थक चर्चा में हिस्सा ले तो यह सत्र बेहतर हो सकता है।
अखिलेश यादव ने अभिभाषण को बताया निराशाजनक:
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण को सच्चाई से परे और निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि इसमें जनता की आकांक्षाओं की अनदेखी की गई है।
महाकुंभ में अव्यवस्था का आरोप:
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने श्रद्धालुओं का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मृतकों की संख्या तक नहीं बताई है।
किसानों, नौजवानों और व्यापारियों की अनदेखी का आरोप:
अखिलेश ने कहा कि अभिभाषण में किसानों, नौजवानों और व्यापारियों के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में निवेश नहीं हो रहा है, उद्योग बंद हो रहे हैं और व्यापारी पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कोई काम नहीं किया है।
मुख्य बिंदु:
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मुख्यमंत्री योगी ने विपक्ष से सकारात्मक भूमिका की अपेक्षा जताई।
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अखिलेश यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण को निराशाजनक बताया।
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महाकुंभ में अव्यवस्था, किसानों, नौजवानों और व्यापारियों की अनदेखी जैसे मुद्दे उठाए गए।
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बजट सत्र 18 फ़रवरी से 5 मार्च तक चलेगा, 20 फ़रवरी को बजट पेश होगा।
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