
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही में अंग्रेजी भाषा को शामिल किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए उर्दू समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी शामिल करने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति:
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि उन्हें अंग्रेजी भाषा से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन विधानसभा की कार्यवाही में इसे शामिल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ज़्यादातर सदस्य इसे समझ नहीं पाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सपा पर कट्टरपंथी पैदा करने का आरोप लगाने पर पांडेय ने कहा कि उर्दू भाषा और साहित्य से जुड़े कई महान विभूतियां रही हैं, उन्हें कट्टरपंथी कहना गलत है। उन्होंने मांग की कि विधानसभा की कार्यवाही में अवधी, ब्रज, बुंदेली, भोजपुरी, उर्दू और संस्कृत को शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी का पलटवार:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन दूसरों को उर्दू थोपना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा देश को कट्टरपंथ की ओर ले जाना चाहती है।
संसदीय कार्यमंत्री का स्पष्टीकरण:
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार अंग्रेजी किसी पर थोपना नहीं चाहती और न ही हिंदी को कमज़ोर कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए। अंग्रेजी के महत्व को देखते हुए सदस्यों को सुविधा दी जा रही है, लेकिन सदन की कार्यवाही हिंदी में ही होगी। सदस्य अवधी, ब्रज, बुंदेली और भोजपुरी में भी अपना संबोधन कर सकते हैं।
बिजली निजीकरण का मुद्दा भी उठा:
विपक्ष ने बिजली के निजीकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इससे बिजली की क़ीमतें बढ़ जाएँगी। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि निजीकरण ज़रूरी है और इससे कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
बजट में ग़रीबों और मध्यम वर्ग पर ध्यान:
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि बजट जनकल्याणकारी होगा और इसमें ग़रीबों और मध्यम वर्ग का ध्यान रखा जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष की अपील:
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विपक्ष से अपनी ज़िम्मेदारियां निभाने और सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने की अपील की।
मुख्य बिंदु:
-
विधानसभा की कार्यवाही में अंग्रेजी शामिल करने पर विवाद।
-
विपक्ष ने उर्दू समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने की मांग की।
-
मुख्यमंत्री ने सपा पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
-
सरकार ने कहा कि अंग्रेजी किसी पर थोपी नहीं जा रही, सदन का कार्य हिंदी में होगा।
-
बिजली निजीकरण और बजट जैसे अन्य मुद्दे भी उठे।
Pls read:Uttarpradesh: महाकुंभ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जाम और अव्यवस्था से बढ़ी परेशानी