
शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राज्य के स्वास्थ्य ढाँचे को मज़बूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने मेडिकल क्षेत्र में बड़े बदलाव की योजना बनाई है, जिसके तहत सभी मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी शुरू की जाएगी और अस्पतालों में 30-40 साल पुरानी मशीनों को बदलकर आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। इस परियोजना पर कुल 1800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस योजना के तहत चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
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रोबोटिक सर्जरी और आधुनिक उपकरण: सभी मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के साथ-साथ रेडियोलॉजी और लैब के लिए अत्याधुनिक उपकरण जैसे थ्री-टेस्ला MRI मशीन, 256 स्लाइस सीटी स्कैन और PET स्कैन उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे रोगों का जल्द पता लगाने और बेहतर इलाज मुहैया कराने में मदद मिलेगी। मेडिकल कॉलेजों में मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर भी बनाए जाएंगे।
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कैंसर केयर सेंटर: हमीरपुर में 150 बिस्तरों वाला कैंसर केयर सेंटर बनाया जाएगा, जिसमें रेडिएशन थेरेपी और न्यूक्लियर मेडिसिन जैसी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
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स्वास्थ्य संस्थानों का उन्नयन: 69 स्वास्थ्य संस्थानों, जिनमें जोनल अस्पताल, क्षेत्रीय अस्पताल, जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं, में सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इनमें ऑटोमैटिक और सेमी-ऑटोमैटिक लैब, डिजिटल एक्स-रे, हाई-एंड अल्ट्रासाउंड मशीन, ICU और ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएँ शामिल होंगी।
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डिजिटलीकरण: अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों का डिजिटलीकरण किया जाएगा ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकें।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 9.50 लाख मरीज़ इलाज के लिए राज्य से बाहर जाते हैं, जिससे राज्य की जीडीपी को 1350 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। सरकार को उम्मीद है कि इन नए बदलावों से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और लोगों को राज्य के अंदर ही बेहतर इलाज मिल सकेगा।
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