
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में 13 फ़रवरी को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मार्च में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र को मंज़ूरी दे दी गई। बजट सत्र मार्च के पहले या दूसरे सप्ताह में शुरू होगा। पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा। राज्यपाल के अभिभाषण को अंतिम रूप देने पर भी चर्चा हो सकती है।
बैठक में नए शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन और ग्रामीण क्षेत्रों में एक हज़ार वर्ग मीटर के निर्माण क्षेत्र को टीसीपी में लाने पर विचार किया जाएगा। एजी ऑफिस द्वारा ऑडिट पैरा पर विभागीय जवाब अब सीधे विधानसभा सचिवालय को नहीं भेजे जाएंगे, बल्कि पहले मंत्रिमंडल के सामने लाए जाएंगे।
केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) पर भी चर्चा हो सकती है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस मुद्दे को उठाने की बात कही है। यूपीएस लागू करने पर राज्य को 1,600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण मिल सकता है, और केंद्र के पास फंसे करीब 9 हज़ार करोड़ रुपये भी मिल सकते हैं। हालांकि, राज्य सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने के अपने वचन पर कायम है।
राज्यपाल द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक, 2024 को मंज़ूरी मिलने के बाद सरकार इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। इसके तहत अनुबंध कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता सहित अन्य वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। हालांकि, अनुबंध और आउटसोर्स कर्मचारियों से जुड़े मामलों पर सरकार विधि विशेषज्ञों की राय लेगी।
बैठक में बजट सत्र के दौरान लाए जाने वाले कई संशोधनों, विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने और मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को मंज़ूरी मिल सकती है। आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को अंतिम रूप देने से पहले मौजूदा वित्तीय वर्ष की घोषणाओं की समीक्षा भी की जा सकती है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी विदेश दौरे पर होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो पाए।
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