शिमला। हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर जल्द ही प्रदूषण मुक्त और आधुनिक इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएंगी। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम यानी एचआरटीसी अपने बेड़े को आधुनिक बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। निगम के बेड़े में 297 नई ई बसें शामिल होने वाली हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इन बसों का आगमन इसी महीने के अंतिम सप्ताह से या फिर जनवरी की शुरुआत से शुरू हो जाएगा। इन बसों के आने से पहले निगम ने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कमर कस ली है और सभी जरूरी तैयारियां पूरी की जा रही हैं।
बसों के सुचारू संचालन के लिए सबसे महत्वपूर्ण चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने के काम में तेजी लाई गई है। एचआरटीसी कुल 327 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद करने जा रहा है। इसमें से पहले चरण में 297 बसें आ रही हैं जबकि बाकी बसें अगले चरण में बेड़े का हिस्सा बनेंगी। निगम के प्रबंध निदेशक निपुण जिंदल ने इस संबंध में सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों और मंडल प्रबंधकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि चार्जिंग स्टेशन लगाने का काम जल्द से जल्द शुरू और खत्म किया जाए। फील्ड से मिल रही जानकारी काफी उत्साहजनक है और बताया गया है कि अधिकांश स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने का काम शुरू हो चुका है।
तैयारियों का जायजा लेने के लिए बस निर्माता कंपनी के अधिकारी अगले सप्ताह हिमाचल प्रदेश का दौरा करेंगे। वे चार्जिंग स्टेशनों की स्थिति का निरीक्षण करेंगे और तकनीकी पहलुओं की जांच करेंगे। योजना के अनुसार पूरे प्रदेश में 53 स्थानों पर ई चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे ताकि बसों को चार्ज करने में कोई दिक्कत न आए।
निगम प्रबंधन ने उन जगहों की सूची भी साझा की है जहां काम लगभग पूरा हो चुका है। इनमें शिमला लोकल वर्कशॉप, ठियोग, नूरपुर, धर्मशाला, पालमपुर, हमीरपुर, नादौन, ऊना, बिलासपुर, मंडी, अर्की, नालागढ़, नाहन, कुल्लू, चंबा, लाहौल स्पीति और किन्नौर शामिल हैं। जिन स्थानों पर काम अभी बाकी है वहां भी इसे शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
चार्जिंग स्टेशनों को बिजली सप्लाई देने के लिए नए विद्युत ट्रांसफार्मर लगाने का जिम्मा हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को सौंपा गया है। बोर्ड तेजी से इस काम को अंजाम दे रहा है। वहीं चार्जिंग स्टेशनों के लिए जरूरी सिविल कार्यों की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश बस अड्डा प्रबंधन प्राधिकरण को दी गई है। इन साझा प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नई इलेक्ट्रिक बसों के आते ही उन्हें संचालन में लाया जा सके और प्रदेश की जनता को बेहतर परिवहन सुविधा मिल सके।