मनाली। हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में इस साल दिसंबर का महीना भी सूखा ही गुजर रहा है क्योंकि अभी तक बर्फबारी नहीं हुई है। इस बीच सोशल मीडिया पर मनाली से जुड़ा एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि वहां फेक स्नो यानी नकली बर्फ का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन इस वीडियो की हकीकत कुछ और ही है जो शायद बहुत कम लोगों को पता है। दरअसल मनाली के पर्यटन स्थलों में कोई आर्टिफिशियल या नकली बर्फ नहीं लाई गई है बल्कि यह असली प्राकृतिक बर्फ ही है जिसका आनंद लेने पर्यटक पहुंच रहे हैं।
इस पूरे मामले की सच्चाई यह है कि बर्फबारी के अभाव में स्थानीय पर्यटन कारोबारियों ने पर्यटकों को खुश करने के लिए एक नायाब जुगाड़ निकाला है। पर्यटन गतिविधियों से जुड़े लोग ऊंचाई वाले इलाकों जैसे बारालाचा और रोहतांग दर्रे से गाड़ियों में भरकर असली बर्फ नीचे ला रहे हैं। इस बर्फ को लाकर उन्होंने पर्यटकों की आसान पहुंच वाले क्षेत्रों में नए स्नो प्वाइंट बना दिए हैं ताकि सैलानी बर्फ का मजा ले सकें। लेकिन कुछ लोगों ने इसे गलत समझकर फेक स्नो का नाम दे दिया और वीडियो वायरल कर दिया जो अब देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पर्यटन कारोबारियों ने ग्रांफू के मैदानी इलाकों में बर्फ के ढेर लगाए हैं। वे दूर दराज के इलाकों से मेहनत करके बर्फ लाते हैं और यहां जमा करते हैं। इस जमा की गई बर्फ पर स्केटिंग और अन्य साहसिक गतिविधियां करवाई जा रही हैं। कारोबारियों का कहना है कि हिमपात न होने से वे और पर्यटक दोनों निराश हैं। फिलहाल बर्फ या तो मनाली से 50 किलोमीटर दूर रोहतांग दर्रे में है या फिर 140 किलोमीटर दूर शिंकुला दर्रे में। रोहतांग जाने के लिए केवल फोर बाई फोर वाहनों की अनुमति है जो महंगे पड़ते हैं और शिंकुला का सफर बहुत लंबा हो जाता है।
ऐसे में स्थानीय कारोबारियों की यह मेहनत पर्यटकों के लिए वरदान साबित हो रही है। स्थानीय कारोबारी रमेश, सुरेश, दीपक, अमित और राहुल ने बताया कि शिंकुला और रोहतांग में बर्फ देखना पर्यटकों को महंगा पड़ता है जबकि ग्रांफू में वे कम दाम में ही बर्फ का लुत्फ उठा पा रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर उनकी मेहनत को फेक बर्फ बताने वालों पर नाराजगी भी जताई है। उनका कहना है कि पर्यटक यहां आकर खूब मस्ती कर रहे हैं और खुश हैं।
इस बीच पर्यटकों के लिए एक अच्छी खबर भी है। मनाली प्रशासन ने रोहतांग दर्रे पर जाने के लिए अनुमति दे दी है। कल यानी गुरुवार से पर्यटक फोर बाई फोर वाहनों के जरिए रोहतांग दर्रे तक जा सकेंगे और वहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकेंगे। प्रशासन के इस फैसले से पर्यटन कारोबारियों और सैलानियों दोनों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है।