नई दिल्ली: बेंगलुरु में एआई सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार को कोर्ट से जमानत मिल गई है। इस फैसले पर अतुल के वकील आकाश जिंदल ने सवाल उठाते हुए कहा कि आरोपी को जमानत के लिए बच्चे को हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
अतुल ने अपनी पत्नी पर आरोप लगाया था कि उसने तलाक के बदले तीन करोड़ रुपये मांगे थे। निकिता की जमानत याचिका पर बेंगलुरु कोर्ट में 4 जनवरी को सुनवाई होगी।
इस बीच, अतुल के माता-पिता ने अपने चार साल के पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पुलिस बच्चे की तलाश कर रही है। अतुल के परिवार के वकील का कहना है कि निकिता बच्चे का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही है और उन्होंने बच्चे की पूरी कस्टडी की मांग की है। वकील के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे का पता लगाने के लिए तीन राज्यों – उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा को निर्देश दिए हैं। बच्चा मिलने के बाद उसकी कस्टडी पर फैसला लिया जाएगा।
अतुल के पिता ने निकिता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने बच्चे को एटीएम की तरह इस्तेमाल किया और उसकी देखभाल के नाम पर लगातार पैसे की मांग बढ़ाती रही। शुरुआत में २०,००० से ४०,००० रुपये मांगने वाली निकिता ने बाद में यह रकम ८०,००० रुपये तक कर दी थी।
अतुल के पिता पवन कुमार मोदी ने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि अगर निकिता को जमानत मिलती है तो वह बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह उसने उनके बेटे को आत्महत्या के लिए मजबूर किया, उसी तरह वह बच्चे के साथ भी कर सकती है।
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