Maldives: मालदीव के राष्ट्रपति पर महाभियोग के लिए भारत से मांगे गए थे 60 लाख डॉलर? – The Hill News

Maldives: मालदीव के राष्ट्रपति पर महाभियोग के लिए भारत से मांगे गए थे 60 लाख डॉलर?

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नई दिल्ली: अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट ने मालदीव की राजनीति में भूचाल ला दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने के लिए वहां के विपक्ष ने भारत से 60 लाख डॉलर की मांग की थी। यह रकम कथित तौर पर मुइज्जू को सत्ता से बेदखल करने के लिए आर्थिक मदद के तौर पर मांगी गई थी। रिपोर्ट में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और मालदीव के विपक्षी नेताओं के बीच संपर्क का भी जिक्र है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • वोट के लिए रिश्वत: वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, मालदीव के विपक्षी नेताओं ने 40 सांसदों को रिश्वत देने की योजना बनाई थी, जिसमें मुइज्जू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस के सदस्य भी शामिल थे। ये सांसद महाभियोग प्रस्ताव पर मुइज्जू के खिलाफ वोट देते।

  • रॉ अधिकारी का नाम: रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि रॉ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास में दो लोगों से मुइज्जू को हटाने की साजिश पर चर्चा की थी। ये दो लोग भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी शिरीश थोराट और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रवक्ता सावियो रोड्रिग्स थे।

  • थोराट और रोड्रिग्स का रुख: वॉशिंगटन पोस्ट का दावा है कि थोराट और रोड्रिग्स ने इस बात की पुष्टि की है, लेकिन यह नहीं बताया कि वे भारत सरकार की ओर से काम कर रहे थे। रोड्रिग्स गोवा क्रॉनिकल नामक एक ऑनलाइन पोर्टल चलाते हैं, जिस पर मुइज्जू के परिवार के सदस्यों के भारत में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े होने के आरोप लगाए गए थे।

पूर्व राष्ट्रपति ने खारिज किए आरोप:

मालदीव की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद रशीद ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी किसी साजिश की जानकारी नहीं है और भारत कभी भी ऐसे कदम का समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा मालदीव के लोकतंत्र का समर्थन करता है और कभी भी कोई शर्त नहीं रखता।

मुइज्जू और भारत के रिश्ते:

सितंबर २०२३ में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले मुइज्जू ने अपना चुनावी अभियान ‘इंडिया आउट’ के नारे के साथ शुरू किया था, लेकिन बाद में भारत के साथ उनके संबंध बेहतर हुए। राष्ट्रपति बनने के बाद शुरुआत में मुइज्जू ने भारत की यात्रा नहीं की, बल्कि चीन और तुर्की का दौरा किया। इस दौरान उनके मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था। मुइज्जू ने मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को हटाने की भी मांग की थी। मालदीव का विपक्ष जहां भारत के करीब था, वहीं मुइज्जू के चीन के साथ बेहतर रिश्ते थे। जनवरी में मालदीव की विपक्षी पार्टी ने मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग लाने का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मुइज्जू को राहत दे दी थी।

 

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