
नई दिल्ली: अपना घर, हर किसी का सपना होता है। लोग सालों पाई-पाई जोड़कर और लंबा इंतज़ार करके अपना घर बनवा पाते हैं। लेकिन अब वो दिन दूर नहीं जब फैक्ट्री में बने घर आम हो जाएंगे। कम समय और कम लागत में तैयार होने वाले ये घर, आम आदमी के घर के सपने को साकार करने में मददगार साबित हो सकते हैं। अमेरिका में 312 ऐसे ही मॉड्यूलर अपार्टमेंट्स लॉन्च किए गए हैं, जो इस तकनीक की बढ़ती लोकप्रियता का संकेत देते हैं।
312 मॉड्यूलर अपार्टमेंट्स का शुभारंभ:
अमेरिका की दिग्गज रियल एस्टेट कंपनी ग्रेस्टार लिमिटेड ने पेंसिलवेनिया में 312 मॉड्यूलर अपार्टमेंट्स लॉन्च किए हैं। इन अपार्टमेंट्स को पहले फैक्ट्री में तैयार किया गया और फिर निर्माण स्थल पर असेंबल किया गया। ग्रेस्टार ने फैक्ट्री में निर्मित 6 इमारतें तैयार की हैं, जिनमें कुल 312 अपार्टमेंट हैं। इनमें 1 बीएचके, 2 बीएचके और 3 बीएचके अपार्टमेंट शामिल हैं, जिनका क्षेत्रफल 662 से 1373 वर्ग फीट के बीच है। ग्रेस्टार, इम्पैक्ट हाउसिंग (जॉर्जिया) और गिनोस्को मॉड्यूलर (मिशिगन) अमेरिका में फैक्ट्री निर्मित आवास परियोजनाओं पर काम करने वाली प्रमुख कंपनियां हैं।
क्यों बढ़ रही है मांग?
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कम समय: इन अपार्टमेंट्स को सिर्फ 14 महीनों में तैयार किया गया है, जो पारंपरिक निर्माण से काफी कम समय है।
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कम लागत: इनके निर्माण में सामान्य मकानों की तुलना में 10% कम लागत आती है।
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तेज निर्माण: फैक्ट्री निर्मित अपार्टमेंट्स के निर्माण में 40% कम समय लगता है।
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कम श्रम लागत: फैक्ट्री में बने घरों की श्रम लागत भी 30% कम होती है।
घर का सपना होगा पूरा:
अमेरिका जैसे विकसित देश में भी आवास की समस्या गंभीर है। लगभग 34% आबादी के पास अपना घर नहीं है। मॉड्यूलर निर्माण तकनीक घरों की कीमतों को कम करके आम आदमी के लिए घर का सपना साकार कर सकती है।
पिछले 8 सालों में अमेरिका में इन घरों की हिस्सेदारी लगभग 6.5% बढ़ी है, जो तीन गुना वृद्धि दर्शाती है। सिर्फ 2022 में, मॉड्यूलर अपार्टमेंट्स से 15.33 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। 2040 तक इसके 93.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में फैक्ट्री निर्मित अपार्टमेंट्स की मांग बढ़ रही है। यह तकनीक रियल एस्टेट उद्योग के लिए नए अवसर पैदा कर रही है और आम लोगों के लिए घर के सपने को हकीकत में बदलने की उम्मीद जगा रही है।
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