नई दिल्ली: हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक, गरुड़ पुराण, मृत्यु और उसके बाद की गतिविधियों का विस्तृत वर्णन करता है। इस पुराण में मृत्यु से पहले व्यक्ति को दिखाई देने वाले कुछ संकेतों का भी उल्लेख है, जिनके बारे में जानना महत्वपूर्ण है।
गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु से पहले के संकेत:
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पितरों के दर्शन: गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के निकट आने पर व्यक्ति को अपने पूर्वजों या पितरों के दर्शन हो सकते हैं।
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परछाई का न दिखाई देना: मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति की परछाई पानी, तेल, घी और शीशे में दिखाई देना बंद हो सकती है।
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रहस्यमयी दरवाजा और सफ़ेद रोशनी: अंतिम समय में व्यक्ति को एक रहस्यमयी दरवाजा और उससे निकलती हुई तेज सफ़ेद रोशनी दिखाई दे सकती है।
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यमदूतों का दिखाई देना: गरुड़ पुराण में यमदूतों को मृत्यु का दूत बताया गया है। इनके दर्शन होना मृत्यु के बहुत करीब होने का संकेत माना जाता है।
गरुड़ पुराण का पाठ और उसके नियम:
मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। मान्यता है कि इससे मृतक की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और परिवार को शांति मिलती है। पाठ के दौरान कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है:
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विधिपूर्वक और सच्चे मन से पाठ: गरुड़ पुराण का पाठ पूरी श्रद्धा और सही विधि से करना चाहिए।
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घर में न रखें गरुड़ पुराण: पाठ के बाद गरुड़ पुराण को घर में नहीं रखना चाहिए।
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साफ कपड़े पहनें: पाठ करते समय साफ और शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए।
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सकारात्मक विचार रखें: पाठ के दौरान किसी के बारे में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और इसे धार्मिक सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। मृत्यु एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इस लेख में दिए गए संकेत केवल मान्यताओं पर आधारित हैं। किसी भी तरह की चिंता या समस्या होने पर किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना ही उचित है.
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