देहरादून: उत्तराखंड में बिजली सब्सिडी का गलत फायदा उठाने वालों पर अब शिकंजा कसेगा। राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को फैसला लिया है कि सब्सिडी का दुरुपयोग करने वालों से दोगुनी राशि वसूली जाएगी।
11.50 लाख उपभोक्ताओं को मिल रही सब्सिडी:
प्रदेश में करीब 11.50 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सितंबर से बिजली बिल में छूट दी जा रही है। 9000 फीट या उससे ऊंचाई वाले हिमाच्छादित क्षेत्रों में 200 यूनिट तक और अन्य क्षेत्रों में 1 किलोवाट भार वाले कनेक्शन पर 100 यूनिट तक बिजली खपत पर 50% सब्सिडी मिल रही है। यह सब्सिडी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जन्मदिन पर घोषित की थी।
सब्सिडी के दुरुपयोग की शिकायतें:
ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि सब्सिडी का दुरुपयोग करने की शिकायतें मिली हैं। कुछ परिवार अलग-अलग कनेक्शन दिखाकर सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर उपभोक्ता से दोगुनी राशि वसूली जाएगी और संबंधित विभागीय कर्मचारी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
डॉक्टरों को दोबारा मिलेगा पुनरीक्षित वेतनमान चुनने का मौका
राज्य मंत्रिमंडल ने 2003 बैच के उन डॉक्टरों को दोबारा पुनरीक्षित वेतनमान चुनने का मौका देने का फैसला किया है, जो पहले इसे चुनने से चूक गए थे। यह छूट केवल एक बार के लिए होगी और इसे अन्य मामलों में उदाहरण के तौर पर नहीं लिया जाएगा। इससे एक ही बैच के डॉक्टरों के वेतन में अंतर की समस्या दूर होगी।
पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टरों की तैनाती:
स्वास्थ्य विभाग ने पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए विशेष डायनेमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन (SDACP) योजना लागू की है। इसके तहत डॉक्टरों को 4, 9, 13 और 20 साल की सेवा पूरी करने पर ग्रेड पे में पदोन्नति दी जाती है, बशर्ते उन्होंने यह सेवा पर्वतीय या दुर्गम क्षेत्रों में पूरी की हो।
2016 में सातवां वेतन आयोग लागू होने पर कुछ डॉक्टर समय पर विकल्प नहीं चुन पाए, जिससे उनके वेतन में अंतर आ गया। अब उन्हें दोबारा यह विकल्प चुनने का मौका दिया जा रहा है।
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