Uttarakhand: नई आवास नीति को मंजूरी, कमजोर आय वर्ग को मिलेगा 5.25 लाख तक का अनुदान – The Hill News

Uttarakhand: नई आवास नीति को मंजूरी, कमजोर आय वर्ग को मिलेगा 5.25 लाख तक का अनुदान

देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार ने ‘सबको आवास’ के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। बुधवार को कैबिनेट बैठक में राज्य की नई आवास नीति को मंजूरी दे दी गई। इस नीति के तहत कमजोर आय वर्ग के लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए वार्षिक आय सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। पहली बार निम्न, निम्न मध्यम और सामान्य वर्ग के लिए भी वार्षिक आय सीमा तय की गई है।

बाखली शैली को प्राथमिकता:

नई नीति में पर्वतीय क्षेत्रों में बाखली शैली की आवासीय परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। इस शैली में बने घरों के लिए लाभार्थियों को 5.25 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा, जबकि अन्य परियोजनाओं में यह अनुदान 4 लाख रुपये होगा। डेवलपर्स को भी भू-उपयोग परिवर्तन समेत कई शुल्कों में छूट दी गई है।

शहरों के बाहरी इलाकों में आवास:

शहरों के भीड़भाड़ वाले इलाकों में दबाव कम करने के लिए बाहरी क्षेत्रों में आवासीय परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों में न्यूनतम 2 हेक्टेयर और मैदानी क्षेत्रों में 10 हेक्टेयर ज़मीन पर आवासीय परियोजनाएं बनाई जा सकेंगी।

नई नीति की मुख्य विशेषताएं:

  • कमजोर आय वर्ग की वार्षिक आय सीमा 5 लाख रुपये।

  • आवास आवंटन में महिला सदस्यों को प्राथमिकता।

  • रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन अनिवार्य।

  • पहाड़ी बाखली शैली को प्रोत्साहन।

  • तीन मंजिला या उससे ऊंची इमारतों में लिफ्ट अनिवार्य।

  • पहाड़ी और दूर-दराज के इलाकों में प्रोत्साहन।

आय वर्ग के अनुसार वर्गीकरण (लाख रुपये में) और क्षेत्रफल (वर्ग मीटर में):

वर्ग वार्षिक आय प्लाट क्षेत्रफल कारपेट एरिया
कमजोर आय 5 तक 45 30 तक
निम्न आय 5-9 45-60 30-45
निम्न मध्यम आय 9-12 60-75 56-60
सामान्य 12 से अधिक 75 से अधिक 60 से अधिक

आवास की कीमतें (लाख रुपये में):

  • कमजोर आय वर्ग: 9 लाख

  • निम्न आय वर्ग: 15 लाख

  • निम्न मध्यम आय वर्ग: 24 लाख

अनुदान:

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): 2.25 लाख (केंद्र सरकार)

  • राज्य सरकार: 2 लाख (बाखली शैली के लिए 3 लाख)

ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड:

कैबिनेट ने उत्तराखंड ट्रांसजेंडर पर्सन्स कल्याण बोर्ड के गठन को भी मंजूरी दे दी है। यह बोर्ड ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम करेगा।

 

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