न्यूयॉर्क। सीरिया में बशर अल-असद सरकार के पतन और विद्रोहियों के कब्ज़े के बाद अमेरिका एक जटिल स्थिति में फँस गया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने असद के शासन के अंत पर खुशी जाहिर की है, लेकिन साथ ही इस्लामिक स्टेट (ISIS) के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई का आदेश भी दिया है।
ISIS के ख़िलाफ़ हमले:
असद सरकार के पतन के बाद सीरिया में अनिश्चितता की स्थिति को देखते हुए, बाइडन प्रशासन ने ISIS के नियंत्रण वाले क्षेत्रों पर बमबारी की है। ये क्षेत्र आतंकवादी संगठन ISIS के कब्ज़े में हैं। अमेरिकी प्रशासन ने अब सीरिया के लिए अपनी नीति पर पुनर्विचार करने की बात कही है।
अमेरिका की दुविधा:
अमेरिका एक दुविधा में है। एक तरफ़ तो वह असद सरकार के पतन पर खुशी जता रहा है, लेकिन दूसरी तरफ़ दमिश्क पर कब्ज़ा करने वाले विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) को अल-कायदा से जुड़ा हुआ आतंकवादी संगठन मानता है।
बाइडन का बयान:
असद सरकार के पतन का स्वागत करते हुए, बाइडन ने सीरिया में मौजूद जोखिमों और अनिश्चितताओं पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना ने ISIS के ठिकानों पर कई सटीक हमले किए हैं, क्योंकि उन्हें ISIS के इस स्थिति का फायदा उठाने की आशंका है।
ऐतिहासिक पल, लेकिन चिंता भी:
बाइडन ने असद के 24 साल के शासन के अंत को सीरियाई लोगों के लिए बेहतर भविष्य का ऐतिहासिक अवसर बताया, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ विद्रोही समूहों का आतंकवाद और मानवाधिकारों के उल्लंघन का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि रूस, ईरान और हिज़्बुल्लाह के कमज़ोर होने के कारण ही अल-असद की हार हुई है। उन्होंने इस घटनाक्रम को मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन में बदलाव के रूप में देखा है।
Pls read:Russia: पुतिन ने की ‘मेक इन इंडिया’ की तारीफ, भारत में करेगा बड़ा निवेश