नई दिल्ली। सीरिया में जारी गृहयुद्ध में एक नाटकीय मोड़ आया है, जिसमें राष्ट्रपति बशर अल-असद ने देश छोड़कर रूस का रुख कर लिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद और उनके परिवार को शरण दी है। असद अपनी पत्नी अस्मा और बच्चों के साथ रात के समय मॉस्को पहुँचे हैं। रूस ने सीरिया में शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण की वकालत की है।
विद्रोहियों ने दमिश्क पर किया कब्ज़ा:
रविवार को विद्रोही लड़ाकों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्ज़ा कर लिया। जानकारी के अनुसार, असद का विमान लताकिया से मॉस्को के लिए उड़ान भरी। विद्रोहियों की तेज़ी से बढ़ती ताकत को देखते हुए रूस और ईरान, जो दशकों से असद को समर्थन देते रहे हैं, पहले ही सतर्क हो गए थे। शुक्रवार को रूस ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने का आदेश दिया था और ईरान ने भी अपने नागरिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया था। लेकिन असद का इतनी जल्दी देश छोड़ना किसी के लिए भी अप्रत्याशित था।
सीरिया में जश्न का माहौल, बड़ा पैमाने पर पलायन:
अलेप्पो, हामा, दीर अल-जोर, दारा और सुवेदा के बाद, होम्स भी विद्रोहियों के कब्ज़े में आ गया है। विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्ज़ा करने के बाद जश्न मनाया है। अलेप्पो, होम्स और दमिश्क से लोगों का बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो गया है। अनिश्चित भविष्य के डर से हज़ारों लोग अपने घर छोड़कर भाग रहे हैं। अब तक लगभग चार लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं और आने वाले दिनों में इस संख्या में वृद्धि की आशंका है। जॉर्डन और लेबनान ने अपनी सीमाएँ बंद कर दी हैं, लेकिन पड़ोसी देशों के लिए इतनी बड़ी संख्या में शरणार्थियों को रोकना एक बड़ी चुनौती है।
सेना का कुछ इलाकों में प्रतिरोध:
हालांकि विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्ज़ा कर लिया है, लेकिन हामा और होम्स के कुछ इलाकों में सेना अभी भी विद्रोहियों से लोहा ले रही है। असद के शासन के अंत की घोषणा के साथ ही सेना ने आतंकवादी समूहों के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही है। देश के कई अन्य इलाकों में भी सेना अभी भी तैनात है और विभिन्न सशस्त्र संगठनों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में अपनी स्थिति बनाए हुए है।
भविष्य की अनिश्चितता:
सीरियाई गृहयुद्ध के इस नाटकीय मोड़ के बाद देश के भविष्य को लेकर अनिश्चितता छा गई है। असद के शासन के अंत के साथ ही देश में शांति स्थापित करने और लाखों विस्थापित लोगों को पुनर्वासित करने की बड़ी चुनौती सामने आई है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है ताकि सीरिया में स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। इस गृहयुद्ध के आगे के परिणामों का अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है लेकिन यह निश्चित रूप से क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
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