दमिश्क, [7 dec]: सीरिया में बशर अल-असद की सरकार को विद्रोहियों के बढ़ते प्रभाव के चलते गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। हालिया हफ्तों में विद्रोहियों ने अलेप्पो और हामा शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है और अब होम्स शहर पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं। इस गंभीर स्थिति के मद्देनज़र ईरान और हिज़्बुल्लाह ने असद सरकार को बड़े पैमाने पर सैन्य सहायता प्रदान करना शुरू कर दिया है।
ईरान की बढ़ती सैन्य सहायता:
ईरान ने सीरिया को विभिन्न प्रकार के हथियार, जिसमें मिसाइलें, ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरण शामिल हैं, की आपूर्ति बढ़ा दी है। इसके अलावा, ईरान ने सीरियाई सेना को सैन्य सलाहकार, अधिकारी और खुफिया सूचनाएँ, साथ ही उपग्रहों से प्राप्त चित्र भी प्रदान कर रहे हैं।
हिज़्बुल्लाह का समर्थन:
लेबनान के सशस्त्र संगठन हिज़्बुल्लाह ने भी सीरियाई सरकार को सैन्य सहायता प्रदान की है। विद्रोहियों की बढ़ती ताकत के कारण असद सरकार के लिए यह सहायता महत्वपूर्ण हो गई है।
रूस का हस्तक्षेप और होम्स पर खतरा:
विद्रोहियों के होम्स शहर पर हमले की आशंका के मद्देनज़र रूस ने होम्स के रास्ते में आने वाले एक पुल को बमबारी कर क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे विद्रोहियों की गतिविधियों को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि विद्रोही होम्स पर कब्ज़ा कर लेते हैं, तो दमिश्क का कई शहरों से सड़क संपर्क कट जाएगा और आस-पास के क्षेत्रों में असद सरकार का नियंत्रण कमज़ोर हो सकता है। इस क्षेत्र में रूसी सेना और नौसेना के ठिकाने भी स्थित हैं।
13 साल पुराना संघर्ष और नया मोड़:
सीरिया में 13 वर्षों से चल रहे गृहयुद्ध में हालिया घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अमेरिका, इज़राइल और कुछ अरब देशों द्वारा समर्थित विद्रोही गुटों ने लंबे समय से असद सरकार के खिलाफ संघर्ष किया है, जबकि रूस, ईरान और हिज़्बुल्लाह असद सरकार के समर्थन में खड़े रहे हैं। हालांकि, यूक्रेन युद्ध और इज़राइल द्वारा हिज़्बुल्लाह पर कार्रवाई ने असद सरकार के समर्थन को कमज़ोर किया है।
जार्डन का समर्थन और विद्रोहियों का बढ़ता प्रभाव:
असद सरकार की कमज़ोर होती स्थिति को देखते हुए जार्डन ने असद सरकार का समर्थन किया है और सीरिया से लगने वाली सीमा को बंद कर दिया है। हालांकि, इससे पहले विद्रोही लड़ाकों ने सीमा पर गोलीबारी की थी। इसके अलावा रूस ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह दी है। पूर्व अल-कायदा से जुड़े संगठन हयात तहरीर अल-शाम ने अबू मुहम्मद अल-गोलानी के नेतृत्व में 27 नवंबर से सीरिया पर हमले शुरू कर दिए हैं। विद्रोहियों द्वारा हाल ही में हासिल की गई सफलताओं से पता चलता है कि असद सरकार एक गंभीर संकट का सामना कर रही है। आने वाले समय में सीरिया के भविष्य पर इस संघर्ष का गहरा असर पड़ने की संभावना है।
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