देहरादून। उत्तराखंड के रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है. रेल मंत्रालय, भारत सरकार ने देहरादून-टनकपुर एक्सप्रेस (15019/15020) की सेवा आवृत्ति को साप्ताहिक से बढ़ाकर त्रि-साप्ताहिक (तीन दिन) करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस संबंध में रेल मंत्रालय ने आदेश भी जारी कर दिया है, जिससे कुमाऊं और गढ़वाल के बीच आवाजाही और अधिक सुगम हो जाएगी.
मुख्यमंत्री धामी के प्रयासों का नतीजा
यह निर्णय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी के अथक प्रयासों का नतीजा है. मुख्यमंत्री धामी की 08 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात हुई थी, जिसके दौरान इस विषय पर विस्तृत चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री के आग्रह पर रेल मंत्रालय ने शीघ्र कार्रवाई करते हुए टनकपुर-देहरादून रेल सेवा को सप्ताह में तीन बार चलाने की स्वीकृति प्रदान की है, जो राज्य के लोगों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
नई समय सारिणी जारी
रेल मंत्रालय द्वारा जारी नई समय सारिणी के अनुसार, 15019 देहरादून-टनकपुर एक्सप्रेस अब बुधवार, शुक्रवार और रविवार को चलेगी. पहले यह ट्रेन केवल रविवार को चलती थी. इसी तरह, 15020 टनकपुर-देहरादून एक्सप्रेस अब मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को चलेगी, जबकि पूर्व में यह केवल शनिवार को चलती थी. इस बदलाव से यात्रियों को यात्रा के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे.
प्रदेशवासियों को मिलेगी बड़ी सुविधा
यह सेवा वृद्धि यात्रियों की बढ़ती मांग और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए की गई है. रेल मंत्रालय ने उत्तराखंड के यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए इस निर्णय को शीघ्र प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री धामी ने इस निर्णय के लिए रेल मंत्री एवं रेलवे बोर्ड का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “देहरादून-टनकपुर रेल सेवा के विस्तार से कुमाऊं और गढ़वाल के बीच आवागमन और अधिक सुगम होगा. यह न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को भी नई गति देगा.”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने की दिशा में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं. राज्य के कई हिस्सों में रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम जारी है, जिससे आने वाले समय में पर्वतीय और सीमांत क्षेत्रों तक रेल संपर्क सुनिश्चित होगा.
रेल मंत्रालय के संयुक्त निदेशक (कोचिंग) विवेक कुमार सिन्हा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इस निर्णय को शीघ्र लागू करने तथा व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. यह कदम उत्तराखंड के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है और राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.