बृहस्पतिवार को त्यूनी भीषण अग्निकांड में चार मासूम जल कर राख हो गए। परिजनों को उनके शव तक नसीब नहीं हुए। आग का मंजर इतना खौफनाक था कि कोई भी मासूमों को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। आग लगने की घटना में सबसे बड़ी कमी फायर ब्रिगेड की कार्यप्रणाली में दिखाई दी। आग लगने वाले स्थान से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर अग्निशमन वाहन मौजूद था, जो सूचना मिलने के ठीक बीस मिनट में मौके पर पहुंच गया। लेकिन जैसे ही मकान पर पानी डालने की कार्रवाई शुरू की गई, वाहन में पानी खत्म हो गया।
यह भी पढ़ेंःdehradun : प्री वेडिंग शूट के बहाने बुलाया कैमरामेन, जिस होटल में ठहराया वहां से उड़ा लिये लाखों के कैमरे
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तब तक मकान के सिर्फ एक कमरे में आग लगी थी। उनका दावा है कि यदि वाहन में पानी का पर्याप्त इंतजाम होता तो आग को तुरंत बुझा लिया जाता। अग्निशमन वाहन में पानी समाप्त हो जाने के कारण फायरकर्मी वाहन को पानी भरने के लिए लेकर चले गए। घटनास्थल से छह किलोमीटर दूर कठंग नामक स्थान से फायरकर्मी लगभग डेढ़ घंटे बाद पानी लेकर पहुंचे लेकिन तब तक मकान पूरी तरह आग पकड़ चुका था। मकान में मकान मालिक समेत छह परिवार रहते थे। आग लगने से घर में मौजूद एलपीजी सिलिंडर फटते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक चार सिलिंडर के फटने की आवाज उन्होंने इस दौरान सुनी। मकान के निचले हिस्से में एक राशन का गोदाम, एक फर्नीचर की दुकान व एक सिलाई की दुकान थी। आग लगने की घटना में गोदाम व दोनों दुकानें और उनमें रखा सारा सामान भी जलकर राख हो गया। पहले धमाके की आवाज करीब 200 मीटर तक सुनाई दी। आशंका जताई जा रही है कि यह धमका घरेलू गैस सिलिंडर फटने के कारण हुआ, जिसकी वजह से चंद मिनटों में मकान के सबसे ऊपर की मंजिल भीषण आग की चपेट में आ गई। देखते ही देखते दूसरा धमका हो गया। इससे पहले की लोग मदद करने की हिम्मत जुटाते तीसरा धमका भी हो गया। चौथे धमाके के साथ पूरा त्यूनी बाजार दहल गया। हर कोई धमाकों की आवाज सुनकर घटना स्थल की ओर दौड़ पड़ा। आग की लपटों की तपिश इतनी तेज थी कि कई मीटर दूर तक तक गर्मी का एहसास करा रही थी।
ये भी पढ़ें..breaking news : उत्तराखंड रोडवेज कर्मी 20 अप्रैल को करेंगे बस संचालन ठप