देहरादून। अंकिता भंडारी मर्डर केसर में पुलिस तीनों आरोपियों का नार्को टेस्ट करवाने के लिए हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करने की तैयारी कर रही है। पुलिस ने इसके लिए कई संगीन अपराधों में हुए नार्को टेस्ट की मिली अनुमति वाले मामलों का अध्ययन किया है। किसी खास केस में आरोपी की मर्जी के बिना भी नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग की जा सकती है। पुलिस कोर्ट में आतंकी अजमल कसाब के अलावा दिल्ली के श्रद्धा वाल्कर के हत्यारोपी के केस में आरोपियों की मर्जी के विपरीत नार्को टेस्ट की मिली अनुमति की नाजीर पेश करेगी।
दरअसल, अंकिता मर्डर केस में वीआईपी का नाम जानने के लिए पुलिस के पास अब नार्को टेस्ट ही एक जरिया बचा है। दो माह से भी ज्यादा समय से पुलिस नार्को टेस्ट को लेकर जद्दोजहद कर रही है। निचली अदालत से टेस्ट करवाने की अनुमति मिलने के बाद आरोपी हाईकोर्ट चले गए, जहां उन्हें टेस्ट के खिलाफ स्टे मिल गया। अब पुलिस को हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करना है। पुलिस पुराने मामलों का आधार बना रही है, जिनमें कोर्ट ने आरोपियों की मर्जी के बिना नार्को टेस्ट करवाए थे। इनमें सबसे प्रसिद्ध केस है आतंकी अजमल कसाब का। इसके अलावा चर्चित आरुषि तलवार केस में संदिग्धों के नार्को टेस्ट उनकी मर्जी के बगैर ही सीबीआई ने कराए थे। जबकि, स्टांप घोटाले आरोपी अब्दुल करीम तेलगी भी बिना मर्जी के ही नार्को टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरा था।
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