देहरादून। बीएएमएस की जाली डिग्रियां बेचने के प्रकरण में गिरफ्तार हुआ मुजफ्फरनगर का हिस्ट्रीशीटर इमलाख करीब 90 करोड़ की संपत्ति का मालिक है। जाली डिग्रियां बेच कर इमलाख ने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली। इस पैसे से अगले साल (वर्ष 2024) विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी में था। आरोपित इमलाख ने यह जानकारी रिमांड के दौरान पुलिस को दी है।
आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह अपने मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप आफ कालेज कार्यालय में रखे दस्तावेज जलाना चाहता था, लेकिन पुलिस उसके पीछे पड़ और मौका नहीं मिला। रिमांड के दौरान दो दिन तक चली पूछताछ में इमलाख ने कई अहम राज उगले हैं। इसके आधार पर एसआइटी ने जांच आगे बढ़ाई है। जल्द ही अन्य झोलाछापों और भारतीय चिकित्सा परिषद के कुछ अन्य कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीएएमएस की जाली डिग्री बनवाकर दून में क्लीनिक चला रहे तीन आरोपितों को 11 जनवरी को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि झोलाछापों ने मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप आफ कालेज स्वामी दो भाइयों इमरान व इमलाख से छह से आठ लाख रुपये में जाली डिग्रियां तैयार कराई और भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में पंजीकरण करा लिया। इसके बाद दून के प्रेमनगर और रायपुर में क्लीनिक खोल दिए।