देहरादून। जोशीमठ शहर में भूधंसाव के कारणों की जांच में जुटे आठ संस्थानों के विज्ञानियों की रिपोर्ट आना शेष है, लेकिन धंसाव लगातार जारी है। रिपोर्ट के बाद बदरीनाथ धाम की यात्रा का स्वरूप तय सरकरा तय होगा। जोशीमठ से गुजर रहे बदरीनाथ राजमार्ग पर कई जगह धंसाव हुआ है, जिससे चिंता अधिक बढ़ गई है।
विज्ञानियों की रिपोर्ट के बाद शासन यह तय करेगा कि इस राजमार्ग के जोशीमठ क्षेत्र वाले हिस्से में कितना भार डाला जाए। इस परिदृश्य के बीच जैसे संकेत मिल रहे हैं, वे इसी तरफ इशारा कर रहे हैं कि इस बार बदरीनाथ यात्रा नियंत्रित तरीके से ही संचालित होगी। वर्तमान में बदरीनाथ धाम को जोड़ने वाला एकमात्र राजमार्ग है, जहां से हर बार यात्रा का संचालन होता है। हालांकि सरकार ने एतिहात के तौर पर आलवेदर चारधाम सड़क परियोजना के तहत जोशीमठ के नीचे से हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन जोशीमठ में आई आपदा के दृष्टिगत इसका निर्माण अस्थायी तौर पर रोका गया है। इस बाईपास का भी आइआइटी रुड़की से भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया जा रहा है। भूमि के उपयुक्त पाए जाने पर भी इसके निर्माण में ढाई साल का समय लगना तय है। ऐसे में इस यात्राकाल में उसका उपयोग किसी भी दशा में नहीं हो पाएगा।
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