नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के संस्थापक इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों में पहले से जेल में बंद इमरान खान को एक और बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान की एक स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना-2 मामले में 17-17 साल की कड़ी सजा सुनाई है। इस फैसले ने पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर भूचाल ला दिया है।
यह पूरा मामला तोशाखाना से जुड़े भ्रष्टाचार का है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह केस साल 2021 का है जब इमरान खान एक आधिकारिक दौरे पर सऊदी अरब गए थे। उस दौरान सऊदी क्राउन प्रिंस ने उन्हें तोहफे में एक बेहद महंगा और बेशकीमती बुल्गारी ज्वेलरी सेट दिया था। आरोप है कि इमरान खान ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इस महंगे सेट को सरकारी खजाने यानी तोशाखाना से बहुत ही कम कीमत चुकाकर खरीद लिया था।
पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट में सजा का ब्यौरा देते हुए बताया गया है कि इमरान खान को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 409 के तहत आपराधिक विश्वासघात का दोषी पाया गया है और इसके लिए उन्हें 10 साल के कठोर कारावास की सजा मिली है। इसके अलावा धारा 5(2)47 के तहत लोक सेवकों द्वारा किए गए आपराधिक कदाचार के लिए उन्हें सात साल की और सजा सुनाई गई है।
अदालत ने केवल इमरान खान को ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी बराबर का दोषी माना है। स्पेशल कोर्ट ने बुशरा बीबी को भी इन्हीं प्रावधानों के तहत कुल 17 साल जेल की सजा सुनाई है। सजा के साथ साथ अदालत ने दोनों पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया है। दोनों पर 16.4 मिलियन रुपये का जुर्माना ठोका गया है। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक अगर वे यह जुर्माना नहीं भरते हैं तो उन्हें अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी।
इस कड़े फैसले के बाद इमरान खान और बुशरा बीबी की कानूनी टीम ने इसे चुनौती देने का फैसला किया है। उनकी लीगल टीम ने कहा है कि वे निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। फिलहाल इमरान खान और उनकी पत्नी के लिए राहत के रास्ते बंद नजर आ रहे हैं और यह फैसला उनके राजनीतिक भविष्य पर भी बड़ा सवालिया निशान लगाता है।