उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार का दिन कई लोगों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया। राज्य सरकार की अनूठी पहल ‘बिल लाओ और इनाम पाओ’ योजना के विजेताओं के लिए मुख्य सेवक सदन में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजेताओं को अपने हाथों से पुरस्कार वितरित किए। किसी को चमचमाती कार की चाबी मिली तो किसी को इलेक्ट्रिक स्कूटर और घरेलू उपकरणों का तोहफा मिला। इस योजना के तहत कुल 1888 उपभोक्ताओं ने अपनी किस्मत चमकाई और विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार जीते।
यह योजना 1 सितंबर 2022 से 31 मार्च 2024 के बीच चलाई गई थी जिसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को खरीदारी के दौरान बिल मांगने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस अवधि के दौरान जिन लोगों ने अपनी खरीद का जीएसटी बिल पोर्टल पर अपलोड किया था, उनमें से लकी ड्रा के माध्यम से विजेताओं का चयन किया गया। पुरस्कारों की सूची काफी लंबी और आकर्षक थी। इसमें सबसे बड़े इनाम के तौर पर 2 इलेक्ट्रिक कारें (ईवी कार) दी गईं। इसके अलावा 16 मारुति आल्टो के-10 कारें, 20 इलेक्ट्रिक स्कूटर, 50 बाइक, 100 लैपटॉप, 200 स्मार्ट टीवी, 500 टैबलेट और 1000 माइक्रोवेव ओवन शामिल थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस योजना ने राज्य में कर चोरी रोकने और राजस्व बढ़ाने में एक क्रांतिकारी भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह सरकार का एक नवाचार था जिसका मकसद जनता को सीधे तौर पर राजस्व संग्रहण की प्रक्रिया से जोड़ना था। उन्होंने कहा कि आज जनता में यह समझ विकसित हुई है कि खरीदारी के बाद मांगा गया हर एक बिल प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान है। यह योजना अब केवल इनाम जीतने का जरिया नहीं बल्कि उपभोक्ता जागरूकता का एक सशक्त माध्यम बन चुकी है।
मुख्यमंत्री ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार ने राजकोषीय अनुशासन का पालन किया है, यही वजह है कि उत्तराखंड राजकोषीय घाटे को निर्धारित सीमा के भीतर रखने में सफल रहा है। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि अरुण जेटली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट की रिपोर्ट में उत्तराखंड को देश के सर्वश्रेष्ठ वित्तीय प्रबंधन वाले राज्यों में जगह मिली है। इसके साथ ही सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के सूचकांक में भी उत्तराखंड पूरे देश में शीर्ष स्थान पर है। उन्होंने कहा कि जब जनता और सरकार के बीच भरोसा होता है तो विकास की रफ्तार अपने आप तेज हो जाती है।
अधिकारियों ने बताया कि इस योजना को जनता का भरपूर समर्थन मिला। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने जानकारी दी कि योजना के दौरान लगभग 90 हजार उपभोक्ताओं ने इसमें हिस्सा लिया और करीब 270 करोड़ रुपये मूल्य के साढ़े छह लाख बिल अपलोड किए गए। यह आंकड़ा बताता है कि लोग अब खरीदारी करते समय बिल लेने को लेकर जागरूक हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अंत में सभी प्रदेशवासियों से अपील की कि वे जब भी कोई सामान खरीदें तो उसका पक्का बिल जरूर मांगें, क्योंकि इससे लेनदेन पारदर्शी बनता है और टैक्स का पैसा सीधे देश और प्रदेश के विकास कार्यों में लगता है। कार्यक्रम में विधायक सरिता कपूर और कर आयुक्त सोनिका सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।