उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत देहरादून पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस अभियान के अंतर्गत पुलिस ने दो बांग्लादेशी महिलाओं को पकड़ा है जो अवैध तरीके से भारत में निवास कर रही थीं। इनमें से एक मामला बेहद चौंकाने वाला है, जहां महिला ने न केवल अपनी पहचान छिपाई बल्कि फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाकर एक स्थानीय युवक से शादी भी कर ली थी।
पुलिस को खुफिया तंत्र से सूचना मिली थी कि पटेलनगर थाना क्षेत्र में कुछ संदिग्ध महिलाएं रह रही हैं। इस सूचना पर 24 नवंबर को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया। पुलिस टीम ने देहराखास इलाके में छापेमारी की और वहां ‘भूमि शर्मा’ नाम से रह रही एक महिला को हिरासत में ले लिया। जब पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो महिला ज्यादा देर तक झूठ नहीं बोल सकी और उसने अपनी असली सच्चाई उगलता शुरू कर दी। जांच में पता चला कि उसका असली नाम भूमि शर्मा नहीं बल्कि बबली खातून है और वह बांग्लादेश के गायबंदा जिले की रहने वाली है।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि बबली खातून कोरोना काल के दौरान अवैध रूप से सीमा पार कर भारत में दाखिल हुई थी। यहां आकर उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए एक सोची-समझी साजिश रची। साल 2022 में उसने देहरादून के ही एक युवक से विवाह कर लिया और अपना नाम बदलकर भूमि शर्मा रख लिया। पुलिस को उसके पास से आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और आयुष्मान कार्ड जैसे महत्वपूर्ण भारतीय दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो फर्जी तरीके से बनवाए गए थे। इसके साथ ही पुलिस को उसके नाम का एक बांग्लादेशी पहचान पत्र भी मिला है जिसने उसकी पोल खोलकर रख दी। पुलिस ने बबली खातून को फर्जी दस्तावेज तैयार करने और अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है और मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब पुलिस उन दलालों और मददगारों की तलाश कर रही है जिन्होंने उसे ये फर्जी कागज बनवाने में सहायता की थी।
दूसरी कार्रवाई पुलिस ने कारगी रोड स्थित कालिंदा विहार फेज-2 में की। यहां से पुलिस ने 41 वर्षीय बॉबी खातून को हिरासत में लिया। जांच में पाया गया कि वह साल 2023 में चोरी-छिपे भारत आई थी और यहां पेट पालने के लिए मजदूरी का काम कर रही थी। पुलिस को उसके पास से बांग्लादेशी पासपोर्ट की फोटोकॉपी मिली है। चूंकि उसने फर्जी दस्तावेज नहीं बनवाए थे, इसलिए पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर वापस उसके देश भेजने यानी डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
देहरादून पुलिस का ऑपरेशन कालनेमि घुसपैठियों के खिलाफ काफी कारगर साबित हो रहा है। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक अब तक इस अभियान के तहत जिले में अवैध रूप से रह रहे कुल 17 बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इनमें से 8 लोगों को जेल भेजा गया है जबकि 9 लोगों को डिपोर्ट किया गया है। पुलिस का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से यह अभियान आगे भी इसी सख्ती के साथ जारी रहेगा।