देहरादून, उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार 26 नवंबर को आयोजित कैबिनेट बैठक में राज्य हित से जुड़े कई अहम फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में महिला सुरक्षा, रोजगार, वन्यजीव संघर्ष और सरकारी विभागों के पुनर्गठन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मुहर लगाई गई। इनमें सबसे बड़ा फैसला मानव-वन्यजीव संघर्ष में जान गंवाने वालों के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि में बढ़ोतरी का है। इसके अलावा महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की सशर्त अनुमति देने का भी ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।
वन्यजीव हमले में सहायता राशि बढ़ी
उत्तराखंड में मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस गंभीर मुद्दे को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने पीड़ित परिवारों को बड़ी राहत दी है। अब जंगली जानवर के हमले में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों को 6 लाख रुपये के बजाय 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसके लिए ‘मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि (संशोधन) नियमावली 2025’ को मंजूरी दे दी गई है। यह फैसला टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन फॉर सीटीआर की शासी निकाय की बैठक में लिए गए निर्णय और मुख्यमंत्री की पूर्व घोषणा के अनुरूप है।
महिलाओं को नाइट शिफ्ट की मंजूरी
सरकार ने राज्य की दुकानों और प्रतिष्ठानों में महिला कर्मचारियों को रात की पाली (रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे तक) में काम करने की अनुमति दे दी है। हालांकि यह छूट सशर्त होगी। इसके लिए नियोक्ता को महिला कर्मचारी से पहले लिखित सहमति लेनी होगी और उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने होंगे। सरकार का मानना है कि इस कदम से महिलाओं को पुरुषों के समान रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनका आर्थिक सशक्तिकरण होगा। साथ ही लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।
दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन
कैबिनेट ने ‘उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) (संशोधन) अध्यादेश 2025’ को भी मंजूरी दी है। इसके तहत अधिनियम की धारा 1(2), 8, 9 और 19 में संशोधन किया जाएगा। इन बदलावों का मकसद छोटे प्रतिष्ठानों पर पड़ने वाले बोझ को कम करना है ताकि वे सुचारू रूप से काम कर सकें। वहीं बड़े प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को कानून के तहत सभी लाभ मिलते रहेंगे। इससे राज्य में निवेश बढ़ेगा और प्रशासनिक कामकाज आसान होगा।
सहायक अभियोजन अधिकारियों के नए पद
न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अभियोजन विभाग के ढांचे में बदलाव किया गया है। अदालतों में मुकदमों की प्रभावी पैरवी के लिए सहायक अभियोजन अधिकारी (APO) के 46 नए पद सृजित किए जाएंगे। ये पद पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल जिलों के लिए स्वीकृत किए गए हैं। वर्तमान में राज्य में कुल 142 पदों के सापेक्ष 91 पद ही सृजित थे।
अन्य अहम फैसले
कैबिनेट ने देहरादून में प्रस्तावित ‘मेट्रो नियो परियोजना’ पर केंद्र सरकार के सुझावों पर भी चर्चा की। इसके अलावा आवास विभाग के तहत मानचित्र स्वीकृति की अनिवार्यता के प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया गया। बैठक में यूजेवीएन लिमिटेड (UJVN Ltd) और जैव विविधता बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट को आगामी विधानसभा सत्र में पटल पर रखने की भी मंजूरी दी गई।
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