लखनऊ। लखनऊ में सफाई कार्य और कूड़ा उठाने का काम कर रहे कथित बांग्लादेशी घुसपैठियों की हकीकत अब असम के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) नंबर से पता चलेगी। असम सरकार ने अपने नागरिकों का एनआरसी कराया था, जिसमें हर नागरिक का परिवार रजिस्टर है और उनके पूर्वजों का भी जिक्र है, जो उनकी असमिया नागरिकता को साबित करता है। अब इसी एनआरसी नंबर का उपयोग लखनऊ में सफाई कार्य कर रहे लोगों की नागरिकता सत्यापित करने के लिए किया जा रहा है।
इस कदम से यह पता चल सकेगा कि लखनऊ में सफाई कार्य से जुड़े कितने लोग वास्तव में असम के निवासी हैं और कितने बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। हालांकि, नगर निगम को अभी सभी एनआरसी नंबर नहीं मिल पाए हैं। वर्तमान में, संदिग्धों को थाने बुलाकर उनकी जांच की जा रही है और एनआरसी नंबर डालने से ही उनकी नागरिकता की हकीकत सामने आ रही है। थाने में एनआरसी नंबर के साथ ही आधार कार्ड से भी सत्यापन कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध घुसपैठियों को बाहर करने का निर्देश दिया है। इससे पहले भी लखनऊ में कथित बांग्लादेशियों की जांच की मांग उठ रही थी। पिछले साल इंदिरानगर में कथित बांग्लादेशियों ने नगर निगम के अधिकारियों पर हमला कर दिया था। इस घटना के बाद बीते दिनों महापौर सुषमा खर्कवाल खुद घटना स्थल पर गईं थीं और कथित बांग्लादेशियों की बस्ती को खाली करा दिया था।
इस मामले के शांत होने के बाद अब मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सक्रियता बढ़ा दी गई है। 19 नवंबर को महापौर ने कई इलाकों का दौरा कर कथित बांग्लादेशियों के अभिलेखों की जांच की थी और अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया था कि अगर कोई घुसपैठिया पाया जाता है तो उसे बाहर किया जाए।
हालांकि, अधिकांश संदिग्धों ने खुद को असम का निवासी बताया था और पहचान पत्र के साथ ही आधार कार्ड भी प्रस्तुत किए थे। अलीगंज और गोमतीनगर में ऐसे लोगों की संख्या अधिक पाई गई है, जबकि जानकीपुरम में खाली भूखंडों पर कथित बांग्लादेशियों की कई बस्तियां बनी हुई हैं।
पूर्व पुलिस महानिदेशक और भाजपा से राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने भी शहर में कथित बांग्लादेशियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि लखनऊ आकर ये लोग सफाई कार्य में रोजगार पा रहे हैं और इसलिए उन्होंने लखनऊ को अपना ठिकाना बना लिया है। बृजलाल ने नगर निगम पर रोजगार देकर संरक्षण देने और लखनऊ पुलिस पर भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया था कि गोमतीनगर विस्तार में उन्हें बांग्लादेशी सफाई करते मिलते हैं, जो खुद को असम के बोंगाई, नलबाड़ी, बरपेटा और नौगांव निवासी बताते हैं, जबकि उनकी पृष्ठभूमि से वे सभी बांग्लादेशी प्रतीत होते हैं।
संबंधित थानों की पुलिस नगर निगम से सफाई कार्य से जुड़े कथित बांग्लादेशियों से जुड़ी जानकारी मांग रही है। इसके तहत, नगर निगम एनआरसी नंबर एकत्र कर पुलिस तक पहुंचा रहा है ताकि सत्यापन प्रक्रिया को और प्रभावी ढंग से चलाया जा सके।