उत्तराखंड के शहरी विकास और स्वच्छता अभियान की दिशा में मंगलवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ। प्रदेश की राजधानी देहरादून और कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में सीवर व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं। सचिवालय में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पेयजल निगम द्वारा प्रस्तावित विभिन्न सीवर लाइन प्रोजेक्ट्स पर विस्तृत चर्चा हुई और उन्हें अपनी सहमति प्रदान कर दी गई। सरकार के इस कदम से इन दोनों बड़े शहरों में रहने वाली आबादी को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन का पूरा जोर राजधानी देहरादून की सीवर व्यवस्था को पूरी तरह से दुरुस्त करने पर रहा। उन्होंने अधिकारियों से देहरादून शहर में वर्तमान में बिछी हुई सीवर लाइनों की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर का कोई भी हिस्सा सीवर नेटवर्क से अछूता नहीं रहना चाहिए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि वे देहरादून के उन क्षेत्रों का एक व्यापक प्लान तैयार करें जहां अभी तक सीवर लाइन नहीं पहुंच पाई है। उन्होंने पूरे शहर की मैपिंग करने और प्राथमिकता के आधार पर कार्ययोजना बनाने की बात कही। उनका विजन बिल्कुल साफ था कि देहरादून में ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ सुनिश्चित की जाए, जिसका अर्थ है कि शहर के अंतिम छोर पर बने घर तक भी सीवर लाइन की सुविधा पहुंचनी चाहिए।
इस बैठक में दो प्रमुख परियोजनाओं को वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी दी गई, जो देहरादून और हल्द्वानी के निवासियों के लिए काफी अहम हैं। समिति ने हल्द्वानी शहर के लिए 948.94 लाख रुपये की लागत वाली एक महत्वपूर्ण योजना को अपनी संस्तुति दी है। इसके तहत अटल मार्ग जिसे नवाबी रोड के नाम से भी जाना जाता है, वहां दुर्गा सिटी चौराहा से लेकर कालाढूंगी रोड तक ट्रंक सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी। हल्द्वानी के इस व्यस्ततम इलाके में सीवर लाइन पड़ने से स्थानीय लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी और गंदगी से निजात मिलेगी।
वहीं दूसरी ओर, देहरादून शहर के लिए भी खजाना खोला गया है। समिति ने देहरादून की साकेत कॉलोनी और कनाल रोड क्षेत्र के लिए 905.80 लाख रुपये की लागत वाले सीवरेज नेटवर्क कार्य को मंजूरी दे दी है। इन इलाकों में सीवर लाइन का जाल बिछने से यहां की ड्रेनेज व्यवस्था बेहतर होगी और पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा। सरकार द्वारा इन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देना यह दर्शाता है कि शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना उनकी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है।
बैठक के दौरान शासन और विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इनमें सचिव शैलेश बगौली और डॉ. वी. षणमुगम सहित पेयजल विभाग के अन्य उच्चाधिकारी शामिल थे जिन्होंने योजनाओं की तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं पर मुख्य सचिव के साथ विचार-विमर्श किया। इन निर्णयों के बाद अब उम्मीद जगी है कि जल्द ही धरातल पर काम शुरू होगा और जनता को जलभराव व गंदगी जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
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