Bihar: महागठबंधन में ‘फ्रेंडली फाइट’ पर राहुल-तेजस्वी की चुप्पी, प्रचार को लेकर असमंजस

नई दिल्ली। बिहार महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद का चेहरा तेजस्वी यादव घोषित हो चुके हैं और उन्होंने चुनाव प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है। वह ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं, लेकिन एक महत्वपूर्ण सवाल अब भी बना हुआ है कि जिन सीटों पर राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हैं, वहां पर कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव किसके समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे।

दूसरे चरण के चुनाव में चार विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ता एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। वहीं दो सीटों में से एक पर राजद-वीआईपी और दूसरे पर कांग्रेस-सीपीआई आमने-सामने हैं।

महागठबंधन में ‘फ्रेंडली फाइट’ वाली सीटें:

  • सुल्तानगंज विधानसभा सीट: यहां राजद के चंदन सिन्हा का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी ललन यादव से है। एनडीए ने जदयू के ललित नारायण मंडल को उतारा है।

  • कहलगांव विधानसभा सीट: यहां राजद के रजनीश भारती का मुकाबला कांग्रेस के प्रवीण कुशवाहा से है। एनडीए ने जदयू के शुभानंद मुकेश को मैदान में उतारा है।

  • सिकंदरा विधानसभा सीट: यहां राजद के उदयनारायण चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के विनोद चौधरी से है। एनडीए ने हम के प्रफुल्ल मांझी को टिकट दिया है।

  • नरकटियागंज विधानसभा सीट: यहां राजद के दीपक यादव का मुकाबला कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडेय से है। एनडीए ने भाजपा के संजय पांडेय को टिकट दिया है।

  • चैनपुर विधानसभा सीट: यहां राजद के ब्रिज किशोर बिंद का मुकाबला वीआईपी के गोविंद बिंद से है। जदयू ने जमा खान को चुनावी मैदान में उतारा है।

  • करगहर विधानसभा सीट: यहां कांग्रेस के संतोष मिश्रा का मुकाबला सीपीआई के महेंद्र गुप्ता से है। एनडीए ने जदयू के वशिष्ट सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि छठ के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का चुनाव प्रचार शुरू होने वाला है। जाहिर है कि ये नेता कांग्रेस और महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। तेजस्वी यादव ने 24 अक्टूबर से अपना चुनावी प्रचार अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक वह ‘फ्रेंडली फाइट’ वाली सीटों पर नहीं गए हैं। सूत्रों के अनुसार, राहुल और तेजस्वी ऐसी सीटों पर चुनाव प्रचार करने से बचना चाहेंगे, क्योंकि अब तक इन सीटों पर उनके प्रचार की कोई बात सामने नहीं आई है।

इस बीच, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 243 सीटें हैं और पांच-छह सीटों पर आपसी सहमति से ‘फ्रेंडली फाइट’ हो सकती है। गहलोत ने जोर देकर कहा कि वे मिलकर प्रचार करेंगे और चुनाव जीतेंगे, और कहीं कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने सत्ता पक्ष पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए लोगों से उनकी बातों पर ध्यान न देने का आग्रह किया। गहलोत ने यह भी कहा कि महागठबंधन ने अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है, जबकि एनडीए ने अब तक ऐसा नहीं किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहती है।

 

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