शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को हिमकेयर योजना को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि हिमकेयर योजना बंद नहीं हुई है, बल्कि इसमें सुधार किया जा रहा है, क्योंकि पूर्व सरकार ने इस योजना में “भारी धांधलियां” की थीं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी की और नाराजगी जताते हुए सदन से बाहर चले गए।
मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही सोमवार को बने गतिरोध को तोड़ते हुए सुबह 11 बजे प्रश्नकाल से शुरू हुई। भाजपा विधायकों विनोद कुमार और रणधीर शर्मा ने हिमकेयर योजना के तहत मरीजों को लाभ न मिलने का आरोप लगाया। उन्होंने एम्स सहित सभी मेडिकल कॉलेजों में हिमकेयर योजना के माध्यम से इलाज की व्यवस्था होने की बात पर सवाल उठाया और कहा कि मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। रणधीर शर्मा ने यह भी कहा कि योजना के तहत 365 करोड़ रुपये की धनराशि लंबित है और पूछा कि यह कब तक जारी की जाएगी। उन्होंने डायलिसिस सुविधा के लिए 25 अस्पतालों को हिमकेयर सुविधा शुरू करने के प्रावधानों पर भी सवाल उठाए।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने जवाब देते हुए विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों को जारी धनराशि का ब्योरा दिया। लेकिन विपक्ष ने उनके जवाब पर असंतोष जताया और हंगामा शुरू कर दिया। जब स्वास्थ्य मंत्री इस मुद्दे पर घिर गए, तो मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को जवाब देने के लिए खड़ा होना पड़ा। इसी बीच विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए सदन से बाहर चले गए।
सदन से बाहर जाने के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “काफी देर से विपक्ष में गुटबाजी शुरू हो गई थी। ये जवाब सुनना नहीं चाह रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने हिमकेयर योजना में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि “गॉल ब्लैडर की जो सर्जरी 11 से 15 हजार रुपये में हो जाती है, उसके लिए हिमकेयर ने जो पैकेज दिया, वह बहुत बड़ा घोटाला है।” उन्होंने दावा किया कि इस योजना का लाभ उठाने में “भाई-भतीजावाद” किया गया और पूर्व सरकार ने “निजी लोगों को लाभ देने के लिए” यह योजना चलाई। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार गरीबों के इलाज के लिए हमेशा तत्पर है और हिमकेयर योजना को बंद नहीं किया जा रहा, बल्कि इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिमकेयर योजना का बजट पिछले महीने भी जारी किया गया है और किसी का भी इलाज योजना में नहीं रोका जाएगा। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि योजना के नाम पर पूर्व सरकार के समय में हुए भ्रष्टाचार की “परत दर परत खोली जा रही है।”
मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि नेरचौक में उन्होंने सरकारी अस्पताल में एमआरआई मशीन नहीं लगवाई, बल्कि प्राइवेट क्लीनिक में लगवाकर “किसी और को ही लाभ पहुंचाया।” मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में अगले वर्ष हाई एंड मेडिकल टेक्नोलॉजी मिलना शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने अस्पतालों में ऑटोमेटिक लैब स्थापित करने के लिए 75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं और रोबोटिक सर्जरी भी अब हिमाचल में शुरू हो गई है।
सदन में एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने मंगलवार को मामला उठाया कि एक कांग्रेस नेता ने विधानसभा परिसर में पत्रकार वार्ता की है, जो विधायक नहीं हैं। उन्होंने पिछली बार भी एक पूर्व विधायक द्वारा ऐसी ही प्रेस वार्ता का जिक्र किया और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की। इस पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मामले का संज्ञान लिया और कहा कि विधानसभा परिसर में विधायकों को छोड़कर कोई प्रेस वार्ता नहीं कर सकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस “प्वाइंट ऑफ ऑर्डर पर एक्शन लिया जाएगा” और जो दोषी होंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा।