देहरादून।
उत्तराखंड में जिला और ब्लॉक स्तर पर सत्ता के समीकरण तय करने के लिए चुनावी बिगुल बज गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ उपप्रमुख और कनिष्ठ उप प्रमुख के चुनाव के लिए गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी है। इन महत्वपूर्ण पदों के लिए मतदान 14 अगस्त को होगा और उसी दिन मतगणना के बाद परिणामों की भी घोषणा कर दी जाएगी।
इस ऐलान के साथ ही प्रदेश के ग्रामीण राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है और जोड़-तोड़ की राजनीति ने जोर पकड़ लिया है।
चार दिनों में पूरी होगी चुनाव प्रक्रिया
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पूरी चुनाव प्रक्रिया चार दिनों के भीतर संपन्न करा ली जाएगी। चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार है:
-
नामांकन: 11 अगस्त (सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक)
-
नामांकन पत्रों की जांच: 11 अगस्त (दोपहर 3 बजे से कार्य समाप्ति तक)
-
नाम वापसी: 12 अगस्त (सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक)
-
मतदान: 14 अगस्त (सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक)
-
मतगणना एवं परिणाम: 14 अगस्त (मतदान समाप्ति के तुरंत बाद)
रणनीतिकारों ने संभाला मोर्चा, जोड़-तोड़ शुरू
चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही राजनीतिक दलों के रणनीतिकार पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। जिला पंचायत सदस्यों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों (बीडीसी) को अपने पाले में करने के लिए खेमेबंदी और जोड़-तोड़ की कवायद शुरू हो गई है। सभी दल अपने प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए बहुमत का आंकड़ा जुटाने में लग गए हैं। इसके लिए अपने सदस्यों को एकजुट रखने के साथ-साथ विपक्षी खेमे में सेंधमारी की रणनीतियां भी बनाई जा रही हैं।
प्रशासनिक तैयारियां पूरी
चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) वंदना के अनुसार, ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव के लिए जोनल मजिस्ट्रेट, निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारियों की तैनाती की जा चुकी है, ताकि पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से पूरी हो सके।