देहरादून।
उत्तरकाशी के धराली में आई भीषण आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्यों को नई गति देने के लिए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने गुरुवार को स्वयं कमान संभाल ली। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) पहुंचकर उन्होंने शासन और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की और रेस्क्यू अभियान को और तेज करने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए।
मुख्य सचिव ने सबसे पहले क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द से जल्द बहाल करने पर जोर दिया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और सीमा सड़क संगठन (BRO) के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़कों को खोलने के लिए बीआरओ को जो भी संसाधन चाहिए, वे तत्काल उपलब्ध कराए जाएं।
मातली बनेगा रेस्क्यू का स्ट्रेटिजिक केंद्र
एक बड़ी रणनीतिक पहल करते हुए, मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि इस पूरे रेस्क्यू अभियान के लिए मातली को ‘स्ट्रेटिजिक एरिया’ बनाया जाए। उन्होंने बचाव कार्यों के लिए प्राथमिकता तय करते हुए कहा कि सबसे पहले बुजुर्गों, बीमारों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित निकाला जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों को गति देने के लिए सड़क, बिजली और संचार सेवाओं को बहाल करना सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
चिन्यालीसौंड़ में तैनात रहेंगे चिनूक-एमआई-17
राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया गया है। भारतीय सेना द्वारा उपलब्ध कराए गए शक्तिशाली चिनूक तथा एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को अब देहरादून के बजाय चिन्यालीसौंड़ में ही तैनात किया जाएगा। इस कदम से देहरादून से आने-जाने में लगने वाला अतिरिक्त समय बचेगा और हेलीकॉप्टर आपदाग्रस्त क्षेत्र में ज्यादा फेरे लगा सकेंगे।
समन्वय के लिए ‘सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट’
मुख्य सचिव ने राहत एवं बचाव कार्यों में किसी भी तरह के भ्रम की स्थिति से बचने के लिए प्रत्येक स्थल पर एक ‘सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट’ नामित करने का निर्देश दिया, ताकि सभी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। उन्होंने SEOC में भी एक सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट नामित करने को कहा।
स्वास्थ्य सुविधाओं और आवश्यक वस्तुओं पर विशेष ध्यान
उन्होंने कहा कि घायलों को सर्वोत्तम उपचार दिया जाएगा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, गंगोत्री, हर्षिल और अन्य स्थानों पर फंसे यात्रियों के लिए भोजन, पानी, बच्चों के लिए दूध और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा।
274 यात्री सुरक्षित, 135 की सफल निकासी: सचिव सुमन
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि गुरुवार दोपहर तक 274 लोगों को गंगोत्री एवं अन्य क्षेत्रों से सुरक्षित निकालकर हर्षिल लाया गया है। इनमें गुजरात के 131, महाराष्ट्र के 123 और मध्य प्रदेश के 21 सहित 10 राज्यों के यात्री शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, अब तक 135 लोगों को हर्षिल से सफलतापूर्वक बाहर निकाला जा चुका है, जिनमें से 100 को उत्तरकाशी और 35 को देहरादून पहुंचाया गया है।
बैठक में सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, जीओसी मेजर जनरल एमपीएस गिल और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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