देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शुक्रवार को आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान राज्य की सैन्य परंपरा और शहीदों के बलिदान को याद किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहस्त्रधारा रोड स्थित एक निजी होटल में आयोजित उत्तराखंड अनन्य सम्मान कार्यक्रम में शिरकत की। इस भावुक और गौरवपूर्ण क्षण में मुख्यमंत्री ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं।
एक फौजी का बेटा होने का दर्द और गर्व
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को वीरभूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां के लगभग हर परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना या अर्धसैनिक बलों में अपनी सेवाएं दे रहा है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि चूंकि वह स्वयं एक सैनिक के बेटे हैं इसलिए वह एक सैनिक परिवार की पीड़ा और संघर्ष को भली-भांति समझते हैं। उनके दिल में शहीदों और उनके परिजनों के लिए हमेशा से गहरा सम्मान और समर्पण रहा है। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों का संघर्ष और राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
अनुग्रह राशि में पांच गुना बढ़ोतरी
सैनिकों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने शहीदों के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में भारी वृद्धि की है। पहले शहीद के परिवार को अनुग्रह राशि के रूप में दस लाख रुपये मिलते थे जिसे अब बढ़ाकर पचास लाख रुपये कर दिया गया है। यह फैसला शहीदों के बलिदान के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है। इसके अलावा बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित करने का भी प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की समय सीमा को भी दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया है ताकि परिवार को संभलने का पर्याप्त समय मिल सके।
वीरता पुरस्कार और अन्य सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेंशन इन डिस्पैच तक विभिन्न वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त और वार्षिक धनराशि में भी अभूतपूर्व बढ़ोतरी की गई है। सरकार द्वारा शहीद आश्रितों के लिए नौकरी से पूर्व प्रशिक्षण और पुत्रियों के विवाह के लिए अनुदान जैसी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को अचल संपत्ति की खरीद पर भी राहत दी गई है। अब पच्चीस लाख रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर स्टांप शुल्क में पच्चीस प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
सैन्य धाम का निर्माण
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में देहरादून के गुनियाल गांव में बन रहे भव्य सैन्य धाम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह सैन्य धाम हर उत्तराखंडी के लिए एक पवित्र स्थल होगा जहां शहीदों की स्मृतियों को संजोया जाएगा। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में देश की प्रगति पर बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना का आधुनिकीकरण हो रहा है और आज भारत रक्षा उपकरणों का निर्यात करने वाले शीर्ष देशों में शामिल हो चुका है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और विधायक उमेश शर्मा काऊ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।