रामपुर बुशहर (शिमला)। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। बुधवार देर रात शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में बादल फटने की घटना से भारी तबाही हुई और लोग दहशत में आ गए। रामपुर की स्लेटी खड्ड में बादल फटने के बाद अचानक जलस्तर इतना बढ़ गया कि बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए, जिससे आसपास की तीन पंचायतों में अफरा-तफरी मच गई।
खड्ड के रौद्र रूप से सहमे लोग
घटना बुधवार देर रात की है, जब भारी बारिश के बीच स्लेटी खड्ड में बादल फट गया। खड्ड में पानी के भयानक शोर और तेज बहाव को सुनकर आसपास के गांवों के लोग घबराकर आधी रात को अपने घरों से बाहर निकल आए। शांदल गांव से शुरू होकर स्लेटी खड्ड नोगली तक करीब पांच किलोमीटर लंबी है और आगे नोगली खड्ड में मिल जाती है। इस कारण, नोगली खड्ड के किनारे बसे लोग भी पूरी रात खौफ के साए में रहे, क्योंकि उनके मकान खड्ड के बेहद करीब बने हुए हैं।
पुल और पेयजल योजनाओं को भारी क्षति
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, खड्ड में आई इस विनाशकारी बाढ़ के तेज बहाव से दरशाल-बठेड़ा पुल की नींव को काफी क्षति पहुंची है, जिससे पुल की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा, जलशक्ति विभाग की कई पेयजल पाइपें पानी के तेज बहाव में बह गई हैं, जिससे दर्जनों गांवों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई है। घटना में एक पशुशाला के भी क्षतिग्रस्त होने की सूचना है, जिसमें पानी भर गया है।
प्रशासन ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा अपनी पुलिस टीम के साथ देर रात ही मौके पर पहुंच गए। उन्होंने लोगों को खड्ड से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए सचेत किया, जिससे किसी भी तरह की जनहानि को रोका जा सका।
एसडीएम रामपुर, हर्ष अमरेंद्र सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि नुकसान का आकलन करने के लिए सुबह एक राजस्व टीम को मौके पर भेज दिया गया है, जो अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है। वहीं, जलशक्ति विभाग तकलेच के एसडीओ नरेंद्र नेगी ने कहा कि विभाग की टीम क्षतिग्रस्त पाइपों और योजनाओं का आकलन कर रही है, ताकि जल्द से जल्द प्रभावित क्षेत्रों में जलापूर्ति बहाल की जा सके। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।
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