शिमला:
हिमाचल प्रदेश सरकार युवाओं के कौशल विकास और उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह बात तकनीकी शिक्षा मंत्री, राजेश धर्माणी ने आज यहां हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम (HP Skill Development Corporation) की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में युवाओं के कौशल को निखारने और उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ावा देने के लिए कई अभिनव पहलें की जा रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बाजार की मांग के अनुरूप बनाकर और नवाचार को प्रोत्साहित करके, राज्य सरकार युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए रास्ते खोल रही है।
अधिकारियों को दिए प्रभावी कार्यान्वयन के निर्देश
बैठक के दौरान, मंत्री राजेश धर्माणी ने अधिकारियों को एक व्यापक कार्ययोजना (comprehensive action plan) तैयार करने और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को आज की बढ़ती प्रतिस्पर्धी दुनिया में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू की जा रही योजनाएं युवाओं की क्षमताओं को बढ़ाने और उनकी रोजगार क्षमता (employability) में सुधार लाने के लिए डिजाइन की गई हैं।
हजारों युवाओं को मिला प्रशिक्षण का लाभ
श्री धर्माणी ने बताया कि निगम द्वारा चलाए जा रहे प्रमाणित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कई नवीन उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 के दौरान, ऑटोमोटिव, निर्माण (कंस्ट्रक्शन), परिधान (अपेरल) और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे ट्रेडों में 4,100 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा, कृषि, हस्तशिल्प और स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर) सहित अन्य क्षेत्रों में 650 से अधिक युवाओं को प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
बैठक के दौरान नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा सचिव संदीप कदम सहित निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। यह बैठक प्रदेश के युवाओं को कौशल युक्त बनाकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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